महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 4 जुलाई। रथयात्रा के अवसर पर बाजार में अच्छी ग्राहकी की उम्मीद पर महंगाई ने पानी फेर दिया। इसका मुख्य कारण नगर में लगे मीना बाजार के झूले आदि में बेतहाशा वृद्धि को भी माना जा रहा है। ज्ञात हो कि इस वर्ष कोरोना की दो वर्ष बंदिशों के बाद रथ मेला आयोजन पर अच्छी ग्राहकी की उम्मीद जागी थी।
कोविड प्रतिबन्धों के बाद लगातार मंदी की मार झेल रहे खुदरा व्यवसायी अपनी पहली उम्मीद में ही असफल हो गए।कुछ व्यवसायियों ने इस संबंध में चर्चा करते हुए बताया कि वे काफी समय से रथयात्रा में लगने वाले मेला की बाट जोह रहे थे परन्तु रथ यात्रा में उनकी हालत एक सामान्य दिन के व्यवसाय से अधिक नहीं थी।
आम बेचने वाले व्यवसायी राजेन्द्र महंती ने बताया कि रथयात्रा की एक दिन की कमाई में ही वे आने घर का दीवाली तक का खर्च निकाल लेते थे।परन्तु इस वर्ष यहां आए मीना बाजार में अत्यधिक टिकिट दाम के कारण आम लोग झूला झूलने और अन्य सामग्री लेने में व्यस्त हो गए। और महंगे झूले आदि में अपनी जेब हल्की करते रहे , जिसके कारण लोग मीना बाजार से ही वापस अपने घरंो को लौटने लगे है, लिहाजा मीना बाजार में अच्छी खासी भीड़ जुटती रही, परन्तु शहर के छोटे बड़े दुकानदार दिन भर सामान्य दिन की तरह ही काम करते हैं।
एक अन्य फैंसी दुकानदार ललित सोनो ने बताया कि वे सामान्य दिनों से हटकर रथ मेले में अच्छी बिक्री के अनुमान से सामान खरीदी की थी परन्तु स्थानीय बाजार में लोगों के नहीं आने से बाजार दिन भर सुना रहा। परन्तु मीना बाजार में अनियंत्रित भीड़ देखी गई।
श्री सोनी ने बताया कि मीना बाजार में मनोरंजन के साधन अत्यधिक महंगे होने के करण गार्मीण क्षेत्र के लोग पहले बच्चों को उनके शौक के झूले झुलवाये इसके बाद वे खाली पॉकेट वापस अपनी घरों को लौट गए।