रायपुर
राजनांदगांव के निर्माणाधीन राजीव भवन का एक दृश्य
राजीव भवन के निर्माण को लेकर खींचतान, पांच जिलों में फिर भी काम पूरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 जुलाई। प्रदेश के कई जिलों में राजीव भवन के निर्माण का काम रूक गया है। कहा जा रहा है कि कुछ जगहों पर फंड की कमी आ रही है, तो एक-दो जगहों पर जमीन आबंटन के बाद भुगतान का पेंच फंसा हुआ है। इससे परे 5 जिलों में राजीव भवन के निर्माण का काम तकरीबन पूरा हो गया, और 20 अगस्त को राजीव जयंती के मौके पर उद्घाटन भी हो सकता है।
कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनने के बाद सभी जिलों में राजीव भवन के निर्माण का निर्णय लिया था। सभी भवनों का ड्राइंग डिजाइन एक ही तरह का है। प्रदेश संगठन ने कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल को इसकी जिम्मेदारी दी। साथ ही भवन निर्माण समिति में खनिज निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन भी हैं।
जिला कांग्रेस संगठन को जमीन पसंद कर आबंटन करवाने के लिए कहा गया था। अग्रवाल की टीम इसकी मदद भी करती रही है। सालभर पहले सुकमा, जगदलपुर, अंबिकापुर, दुर्ग, और धमतरी के राजीव भवन का उद्घाटन भी हो गया। जबकि बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, राजनांदगांव, मुंगेली, आदि कुछ जिलों में भवन निर्माण का मामला उलझ गया है।
कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि बिलासपुर में राजीव भवन के लिए जमीन आबंटित हो गई है। कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन एक करोड़ से अधिक भू-भाटक जमा करना है, जो कि राशि जमा नहीं होने के कारण जमीन का आधिपत्य नहीं मिल पाया है, और इस वजह से निर्माण कार्य भी अटका पड़ा है। इसी तरह राजनांदगांव में भी विवाद है।
कुछ सूत्रों के मुताबिक समिति से जुड़े लोगों, और जिला संगठन के बीच तालमेल नहीं बैठ पाया है। चर्चा है कि समिति के लोग अपनी पसंद के ठेकेदार से निर्माण कराना चाहते हैं। राजनांदगांव जिला संगठन के नेताओं से इसको लेकर विवाद है। यही वजह है कि काम आगे शुरू नहीं हो पाया है। मुंगेली में जमीन आबंटन नहीं हो पाया है। इस पूरे मामले में कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल से चर्चा की कोशिश की गई किन्तु उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
हालांकि विवादों के बाद भी रायपुर, कांकेर, कवर्धा, कोंडागांव और महासमुंद में राजीव भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। संभवत: 20 अगस्त को राजीव जयंती के मौके पर इसका उद्घाटन हो जाएगा।
दूसरी तरफ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भवन निर्माण समिति से जुड़े लोगों, और स्थानीय नेताओं के बीच तालमेल नहीं होने के कारण प्रभारी महामंत्री रवि घोष को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है। उन्हें भवन निर्माण का प्रभारी बनाया गया है। रामगोपाल अग्रवाल इस प्रभार से मुक्त होंगे। जिन जिलों में विवाद की स्थिति है वहां के नेताओं को उम्मीद है कि रवि घोष के आने के बाद से भवन निर्माण के काम में तेजी आएगी।