महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 जुलाई। दो दिन पहले ही नपाध्यक्ष की कुर्सी खोने के बाद कल प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता लेकर प्रकाश चंद्राकर ने कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष रहते पिछले ढाई सालों के कार्यकाल में जनता को बेहतर व्यवस्था देने का मैंने पूरा प्रयास किया है।
कुछ पार्षदों के असंतोष के कारण हमें नगर की सत्ता गंवानी पड़ी। इन ढाई वर्षों में किसी भी कार्य से जनता को कोई नाराजगी हुई हो तो दोनों हाथ जोडक़र हृदय से क्षमायार्थी हूं। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों के बल प्रभाव से पार्षदों ने साथ नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि सत्ता से जुड़े लोगों ने पार्षदों को कई दिनों तक अपने प्रभाव में रखा और अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई सुरू होने से पहले ही पालिका लेकर आए। बाउंसरों की चौकसी में आने वाले पार्षद पहले से ही घबराए हुए थे। कांग्रेस का 23 मत मिलने का भरोसा था लेकिन 20 लोगों ने ही उनका साथ दिया। बाउंसर के घेरे में पहुंचने वाले एक और पार्षद यदि मत नहीं देता तो कांग्रेस बहुमत हासिल नहीं कर पाती।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष रहते आम जनता को सडक़, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं देने के लिए मैंने जी जान से कोशिश की। इस दौरान बहुत से विकास कार्य कराए। सबसे महत्वपूर्ण काम था शहर की 80 हजार आबादी को तीन समय पानी देना। मुख्यमार्ग पर सेंटर पोल लाइट सहित नागरिकों की हर आवश्यकता को पूरा करना अपना ध्येय रखा। इन सब कार्यों को पूरा करने भाजपा नेताओं का पूर्ण सहयोग मिला।
वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं जो अध्यक्ष की कुर्सी चली गई। पार्षद हूं और शहर की जनता के सुख दुख में मैं हमेशा उनके साथ रहूंगा। चर्चा में पार्षद देवीचंद राठी, संदीप घोष मौजूद थे।