राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 6 जुलाई। सावन माह को लेकर शहर के राजपरिवार स्थित सिद्ध पीठ रुख्खड़ स्वामी मंदिर में परंपरा अनुसार पूरे माह भर रुद़ाभिषेक होगा ।सावन माह में पार्थिव शिवलिंग के अभिषेक का विशेष महत्व होने के चलते रुख्खड़ स्वामी मंदिर में बीते कई वर्षो से सावन माह में शिवलिंग के अभिषेक काआयोजन किया जा रहा है।
श्रद्धालु निर्धारित पूजन राशि खर्च कर नियमित रूप से पार्थिव शिवलिंग अभिषेक में हिस्सा ले सकते हैं ।इसके अतिरिक्त सावन के प्रत्येक सोमवार को आयोजित रुद्राभिषेक में आमजन हिस्सा ले सकते हैं। ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर में सावन पर्व पर रुद्राभिषेक की परंपरा बीते कई वर्षों से चली आ रही है। बाबा के प्रति क्षेत्र के धर्म प्रेमियों की बढ़ती आस्था को ध्यान में रखते हुए इस बार सावन में माह भर सभी के पूजा के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है।
सावन में किसी सिद्ध स्थल व शिव मंदिर में पार्थिव लिंग के अभिषेक का अपना ही महत्व है। कहा जाता है कि जो भी भक्त मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पार्थिव शिवलिंग का पूजन और रुद्राभिषेक करता है। उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।
इतिहासकार बताते हैं कि रुख्खड़ स्वामी महाराज भगवान शिव के अनन्य भक्त थे। वे अमरकंटक से निकलकर खैरागढ़ पहुंचे थे, जहां उन्होंने विभूति रूप से भगवान को तत्कालीन शासक टिकैत राय से स्थापित कराया था। रूख्खड़ स्वामी मंदिर भारत में एकमात्र सिद्ध पीठ है।
जहां विभूति से बने पीठ को शिव स्वरूप मानकर पूजा किया जाता है। सावन माह में प्रतिदिन शाम 4 बजे से प्रतिष्ठित मानस मंडलियां शिव कथा, राम कथा के प्रसंगों को संगीतमय तरीके से प्रस्तुत करेंगे। प्रत्येक शनिवार सुंदरकांड का पाठ तथा परिजनों के नाम से महामृत्युंजय का जाप भी किया जाएगा।