गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 6 जुलाई। शाला का बेहतर संचालन, बच्चों की सर्वागीण विकास एवं शिक्षा में कसावट लाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी करमन खटकर, जिला मिशन समन्वयक श्याम चंद्राकर ने बी आर सी सी महेश साहू की उपस्थिति में विकासखंड छुरा के संकुल प्राचार्यो एवं संकुल समन्वयकों की अत्यंत बैठक नगर शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छुरा में ली।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी करमन खटकर ने कहा कि परिवेशीय ज्ञान से जोडक़र रखना है, जिससे बच्चों में ज्ञान का विस्फोट होगा। साथ पानी, रेत और पत्थर की उदाहरण देकर आगे शिक्षा के क्षेत्र में पत्थर की लकीर के सामान आगे बढ़ा जा सकता है। चट्टान का रूप जिस प्रकार बदलता है, वैसे ही बच्चों को कक्षा अनुसार ज्ञान का स्वरूप बदल सकते है। साथ ही कहा कि सभी शिक्षक प्रार्थना सभा का आयोजन निर्धारित समयावधि में करते हुए राजकीय गीत, राष्ट्रगान, प्रेरणा गीत एवं प्रेरक कहानी प्रस्तुत की जावे। सभी प्राचार्य में कुशल नेतृत्व क्षमता होना चाहिए। शाला के शिक्षकों से सामंजस्य स्थापित कर रखें ताकि वे आपसे सीधे संपर्क कर अपनी समस्या को रख सके। सभी शिक्षक दैनंदिनी में नया पाठ प्रारंभ करने के पूर्व उस पाठ का सारांश एक पृष्ठ में तैयार कर लेवें।
कक्षा पहली से पांचवी के लिए त्रैमासिक, अर्धवार्षिक एवं वार्षिक आकलन 50-50अंक और छटवी से आठवीं के लिए 100-100 अंक का होगा। पहली एवं दूसरी के लिए 30 अंक लिखित व 20 अंक प्रायोगिक तीसरी से पांचवी के लिए 40 अंक लिखित एवं 10 अंक प्रोजेक्ट वही छटवीं से आठवीं तक 80-80 अंक लिखित एवं 20-20 अंक प्रोजेक्ट कार्य पर आधारित होंगे। हाई एवं हायर सेकंडरी स्तर की आकलन प्रक्रिया में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्धारित ब्लू प्रिंट का उपयोग किया जावेगा। प्रत्येक शनिवार को पहली से आठवीं तक के छात्रों के लिए बस्ता रहित दिवस की अवधारणा लाई गई है। साथ-साथ योग,व्यायाम,कहानी वाचन,प्रश्नमंच भाषण, वाद-विवाद, भारतीय संविधान, हम भारत के लोग, शारीरिक शिक्षा, मूल्य शिक्षा संबंधी कार्यक्रम का आयोजन किया जावे।
सभी संकुल प्राचार्य एवं संकुल समन्वयक सूक्ष्मतापूर्वक शाला का निरीक्षण करेगे।सभी शिक्षक लर्निंग आउटकम आधारित अध्यापन की योजना बनाते हुए शाला कैलेंडर का पालन कर पाठ्यक्रम के अनुसार अध्यापन कार्य करना सुनिश्चित करें।
कक्षा शिक्षण के दौरान छात्रों की बुनियादी दक्षताओं को जांचते हुए उपचारात्मक शिक्षण कार्य कर शालेय गतिविधियों में सभी बच्चों की सहभागिता सुनिश्चित करें। जिला मिशन समन्वयक श्याम चंद्राकर ने कहा कि आप सभी शाला में रंगरोगन कर शाला परिसर व शौचालय, मूत्रालय की नियमित सफाई करावें। पुस्तकालय का अधिक से अधिक उपयोग करते हुए सप्ताह में एक दिन कैरियर काउंसिलिंग जरूर हो इससे बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ती है। अटल टिकरिंग लैब के माध्यम से बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि एवं जागरूकता बढ़ती है। वहीं जाति प्रमाण पत्र,शाला मॉनिटरिंग की संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए सभी छात्र छात्राओं की शत प्रतिशत जाति प्रमाण पत्र बनना चाहिए, जिससे कोई भी बच्चे छात्रवृत्ति से वंचित न है।
बैठक में प्रमुख रूप से जिला शिक्षाधिकारी करमन खटकर,जिला मिशन समन्वयक श्याम चन्द्राकर,बी आर सी सी महेश साहू, प्राचार्य पी एन पैकरा, बी देवांगन, वाय आर साहू, जी पी वर्मा, अखिलेश बावनगेंडे, एन सी साहू, मिश्रीलाल सिन्हा, ऋषि साहू, विनोद सिन्हा, संतोष साहू, योगेंद्र साहू, पंकज साहू, असलम कुरैशी, गोवर्धन यदु, यशवंत सिन्हा, तौहीद आलम, कर्ण धनुषधारी, देवकांत सिन्हा, देवेंद्र सिन्हा, राकेश देवांगन सहित छुरा विकासखंड के संकुल प्राचार्य एवं समन्वयक उपस्थित थे।