कवर्धा

महिला समूहों द्वारा निर्मित घरेलू व दैनिक जीवन के सामान सी-मार्ट में
06-Jul-2022 5:53 PM
महिला समूहों द्वारा निर्मित घरेलू व दैनिक जीवन के सामान सी-मार्ट में

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कवर्धा, 6 जुलाई। जिले के नवपदस्थ कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कल बोड़ला विकासखण्ड के ग्राम राजानवागांव में संचालित भोरमदेव संकुल संगठन अजीविका केन्द्र का अवलोकन किया। कलेक्टर श्री महोबे ने अवलोकन के दौरान इस अजीविका केन्द्र में संचालित छ: अलग-अलग महिला स्व सहायता समूहों के कार्यों और उनके द्वारा निर्माण कर रहे दैनिक जीवन व घरेलू उपयोगी समाग्रियों तथा उनकी पूरी कार्यों की जानकारी ली। कलेक्टर ने राज्य शासन द्वारा संचालित अजीविका से जुड़े इस महत्वाकांक्षी योजनाओं और कार्यक्रमों से महिला समूहों के जीवन में होने वाले सकारात्मक बदलाव के साथ-साथ उनके कार्यों में होने वाली तकनीकी कठिनाइयों के बारे में पूरी जानकारी ली। कलेक्टर के साथ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह व जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल ने भी अजीविका केन्द्र की एक्टीविटी देखी।

कलेक्टर श्री महोबे ने आजिविका केन्द्र में अपने जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही महिला समूहों के कार्यों की प्रसंशा की। उन्होने सभी सामाग्रियों की उपयोगिता और उनके गुणवत्ता भी देखी। कलेक्टर ने इस दौरान समूहों द्वारा तैयार की गई शासकीय कार्यालय के उपयोग में लाए जाने वाले स्टेशनरी फाईल, रजिस्टर, व लेटरपेड, फिनाईल, दोना-पत्तल, आचार-पापड़ और साबुन के स्टॉक का निरीक्षण किया और उनके विक्रय के लिए उपलब्ध मार्केट की पूरी जानकारी ली।

कलेक्टर ने कहा कि किसी भी कंपनी व समूह द्वारा तैयार की गई सामाग्रियों की बाजार में मांग उनकी गुणवत्ता पर निर्भर करती है। समूह द्वारा निर्माण की गई सभी समाग्रियां की गुणवत्ता बहुत बेहतर है। उन्होंने समूहों की मांग पर कहा कि यहां उत्पादित होने वाली सभी समाग्रियों की विक्रय के लिए कवर्धा स्थित सी-मार्ट बाजार पर उपलब्ध कराया जाएगा। कलेक्टर ने अजीविका केन्द्र के पीछे सामुदायिक बाड़ी, वर्मी कपोस्ट का निर्माण और दाल मिल का भी निरीक्षण किया।

कलेक्टर ने कहा कि यहां महिला समूहों के आर्थिक उत्थान व उनके स्वालंबन की दिशा में अधिक कार्य करने की जरूरत है। कलेक्टर ने समूहों की महिलाओं को सीजन और बाजार के मांग के आधार पर अन्य समाग्रियां जैसे राखी निर्माण की दिशा में काम करने के निर्देश भी दिए।

गौरी कृपा समूह ने किया 12 लाख रूपए का कारोबार

कलेक्टर श्री महोबे ने अजीविका केन्द्र के सभी समूहों के कार्यों की जानकारी ली। गौरी कृपा समूह के कार्यों की पूरी जानकारी ली। समूह की अध्यक्ष श्रीमती सोमी श्रीवास ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की मदद ने उन्होंने जिला पंचायत के माध्यम से 5 लाख रूपए का लोन लेकर बुक-प्रिंटिंग,प्रेस एण्ड स्टेशनरी का व्यवसाय शुरू किया। उन्होने बताया कि अगर बाजार में अपना व्यवसाय शुरू करती तो उन्हे दुकान के लिए अलग से किराएं और अमानत राशि देनी पड़ती। इस अजीविका केन्द्र में जगह मिल जाने से पूरी राशि भी बच गई। अधिकारियों का पूरा सहयोग मिला। जिला पंचायत से लेकर अन्य विभागों के लिए समूह ने स्टेशनरी तैयार की।

पूरा लोन का किस्त भी जमा किए। कम समय पर विभागों की मदद से 12 लाख रूपए का व्यवसाय भी किए।

वर्मी कंपोस्ट से 2 लाख का विक्रय किया समूह ने

  सांई राम स्वसहायता समूह की अध्यक्ष द्रौपदी मानिकपुरी ने बताया कि शासन की इस योजना ने उनकी पूरी जिंदगी बदली दी। छत्तीसगढ़ सरकार की मदद से उन्हे इस केन्द्र में सामुदायिक बाड़ी विकास, दाल मिल संचालन और वर्मी कपोस्ट का काम मिला है। यहां पांच समूहों द्वारा सामुदायिक खेती की जाती है। उनके सभी समूहों के लिए हमारे द्वारा गोबर से वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जाता है और यहां के समूहों को जैविक खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट विक्रय किया जाता है। जैविक खेती की वजह से यहां उत्पादित होने वाली सब्जियों की मांग बाजार में अधिक रहती है। वर्मी कंपोस्ट विक्रय एवं खेती बाड़ी से समूह को दो लाख रूपए की आमदानी हुई है।

कलेक्टर ने बिहान कैंटिन का किया अवलोकन

कलेक्टर श्री महोबे, एसपी और जिला पंचायत सीईओ ने भोरमदेव अजीविका केन्द्र के सामने संचालित बिहान कैंटिन का अवलोकन किया। बिहान कैंटिन के रूप में काम करने वाली भारत माता स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती सुनिता श्रीवास ने बताया कि इस कैंटिन से उनके आर्थिक जीवन में बहुत सुधार आया है। समूह की महिलाएं यहां सामुदायिक बाड़ी विकास में खेती बाड़ी करती है। साथ ही कैंटिन का संचालन भी करती है। प्रतिदनि कैटिन से 15 सौ से 2 हजार रूपए का नास्ता व चाय की बिक्री होती है। खेती बाड़ी से अब तक लगभग 80 हजार रूपए की आमदनी हो गई है।

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