बिलासपुर

तीन साल में आरपीएफ ने 500 से अधिक बच्चों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया
22-Jul-2022 2:50 PM
 तीन साल में आरपीएफ ने 500 से अधिक बच्चों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया

ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर प्रभावी रोक लगाने के लिए रेलवे में सेमिनार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 22 जुलाई।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने ट्रेनों के जरिये हो रही महिलाओं और बच्चों की तस्करी पर प्रभावी रोक लगाने के लिए सेमिनार रखा। इसमें आरपीएफ व जिला पुलिस के अधिकारियों ने अनेक सुझाव रखे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाप्रबंधक आलोक कुमार ने कहा कि मानव तस्करी, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की तस्करी एक संगठित अपराध है। उन्हें यौन शोषण, वेश्यावृत्ति, जबरन मजदूरी, जबरन विवाह, घरेलू दासता, भीख, अंग प्रत्यारोपण, नशीली दवाओं के व्यापार के बीच धकेल दिया जाता है। यह मानवाधिकार का सबसे घिनौना उल्लंघन है। देश का प्रमुख परिवहन नेटवर्क होने के कारण भारतीय रेल का उपयोग मानव तस्करों द्वारा पीडि़तों के परिवहन के लिए किया जा रहा है, जिस पर रोक लगाने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर फरवरी 2022 से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स (एएचटीयू) गठित की गई है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में आरपीएफ द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते के तहत पिछले 3 वर्षों में अपने परिजनों से बिछुड़े हुए 538 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है।

सेमिनार में आरपीएफ के सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त अमिय नंदन सिन्हा, उप-महाधिवक्ता हमीदा सिद्दीकी, मनोचिकित्सक डॉ. सतीश श्रीवास्तव, सीडब्ल्यूसी बिलासपुर के अध्यक्ष आशिम मुखर्जी, सीएसपी स्नेहिल साहू, स्वयंसेवी संस्था समर्पित के अध्यक्ष संदीप शर्मा, डीसीपीओ पार्वती वर्मा, कोटपा के जिला समन्वयक संजय नामदेव और बीबीए एसईईसीआर के समन्वयक बबन प्रकाश ने मानव तस्करी रोकने के संबंध में अपने सुझाव रखे।

इन वक्ताओं ने कहा कि मानव तस्करी के साथ ही बाल तस्करी दुनिया में एक गंभीर व संवेदनशील सामाजिक समस्या बनकर उभर रही है। मादक पदार्थों व हथियारों की तस्करी के बाद यह दुनिया मे सबसे बड़ा संगठित अपराध है। किसी भी बच्चे को बरगलाकर, बल प्रयोग कर, डराकर, धोखा देकर हिंसक तरीकों से बंधक बना कर रखना तस्करी के अंतर्गत आता है। सभ्य सामाज में मानव होकर मानव का अवैध व्यापार चाहे वो जिस भी रूप में हो, बहुत बड़ा कलंक सामाजिक बुराई तथा अपराध है। वक्ताओं ने फील्ड के बल अधिकारियों व सदस्यों को रेलवे के माध्यम से बाल तस्करी की रोकथाम के उपाय के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी तथा दिशानिर्देश दिए गए। इस अवसर पर रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी व जवान भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

 

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