सूरजपुर

पगडंडी है डगर, खाट के सहारे ढोये जाते हैं मरीज
24-Jul-2022 2:49 PM
पगडंडी है डगर, खाट के सहारे ढोये जाते हैं मरीज

आज भी राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पगडंडी के रास्ते चलने को मजबूर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
ओडग़ी, 24 जुलाई।
जिले के ओडग़ी ब्लॉक मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत आनंदपुर के कई पारा मुहल्ला आज भी विकास से कोसों दूर हैं,  वहीं इस पंचायत का एक पारा जहां राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पण्डो जनजाति के लगभग 350 लोग निवासरत हैं, लेकिन आज भी आनंदपुर के बहेराडाड व इमलीपारा के पंडो जनजाति के लोग मूलभूत सुविधाओं  से वंचित हैं।
एक ओर देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर जहां आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन सूरजपुर जिले के ओडग़ी ब्लॉक में ग्राम पंचायत आनंदपुर का बहेराडाड व इमलीपारा में निवासरत पंडो जनजाति के लोग आज भी विकास से कोसो दूर हंै।  इनके पारा तक आज तक सडक़ न होने के कारण मरीज को पगडंडी के रास्ते खाट के सहारे तीन किलोमीटर खाट पर लेटाकर ढोकर मुख्य मार्ग तक लाना पड़ता है। आज भी मरीजों को एम्बुलेंस तक ग्रामीण खाट में ले जाने के लिए विवश हैं।

 यह पूरा मामला जिले के ओडग़ी जनपद मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर कि दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत आनंदपुर का है। ग्राम आनंदपुर के इमलीपारा व बहेराडाड़ में लगभग बच्चों समेत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो जनजाति के लगभग 350 लोग निवास करते हैं। जहां पर पहुंच मार्ग से लगभग 4 किलोमीटर पंगडंडी रास्ता है। यहां जब भी कोई पंडो जनजाति बीमार या किसी प्रकार की परेशानियों में पड़ता है उसे खाट पर ढोकर कर पहुंच मार्ग तक लाते हैं। गांव के दोनों पारा तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने की हालत में बीमार लोगों को मेडिकल सहायता से वंचित रहना पड़ता है।

ें नेताओं और अफसरों पर तंज कसते हुए ग्रामीण कहते हैं कि वोट के समय रोड बनाने का आश्वासन देते हैं जीतने के बाद हकीकत में  नहीं बदलते  हैं । सत्ता की चकाचौंध में हम भोले-भाले राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो आदिवासियों को भुला दिया जाता है। प्रशासनिक लापरवाही से आज भी राष्ट्रपति के दत्तक पुञ कहे जाने वाले पंण्डो जनजाति के लोग सडक़ बिजली स्वच्छ पानी के लाभ से वंचित होकर जीवन यापन करने को मजबूर हंै।

सडक़ न होने से मरीजों को खाट मे ढोकर लाने को मजबूर ग्रामीण

ब्लाक मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर  बीते शुक्रवार को ग्राम पंचायत आनंदपुर के इमलीपारा की पंडो जनजाति महिला सोनकुवंर पंडो पति बृजलाल पंडो (30) को अपने घर पर सर्प ने फूंक मार दिया था, जिससे महिला बेहोश हो गई थी, उसे बेहोशी हालत में खाट पर परिजन ढोकर लगभग तीन किलोमीटर चलकर पहुंच मार्ग पर लाया गया, फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओडग़ी ले जाया गया तब कहीं जाकर महिला की जान बची । इस पारा में बरसात के दिनों में अक्सर इस तरह का नजारा देखने को मिलते रहता है।


इस संबंध में दिलीप पंडो सरपंच ग्राम पंचायत आनंदपुर का कहना है कि इस पारा में लगभग 3 किलोमीटर का रास्ता पंगड़ड़़ी है यहां कभी सडक़ का निर्माण हुआ ही नहीं है। इस समस्या को मैं आम ग्राम सभा व जन समस्या शिविर में निराकरण के लिए प्रस्ताव के माध्यम से अवगत करा चुका  हूं परन्तु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है ।


जिला प्रशासन समस्या का जल्द करें समाधान

ग्राम पंचायत आनंदपुर के इमलीपारा व बहेराडाड़ के पंडो जनजातियों का कहना है कि हमारे यहां के पुल , बिजली, सडक़,पानी आदि समस्याओं का समाधान जिला प्रशासन व सूरजपुर कलेक्टर जल्द करें। अन्यथा उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस मौके पर स्थानीय ग्रामीण बसंत लाल पंडो, गोपाल पंडो, बृजलाल पंडो, पवन पंडो, बहसलाल पंडो व भारी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

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