बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 24 जुलाई। बालोद जिले के डौंडीलोहारा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम रेंगा डाबरी के ग्रामीण अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। उनकी 3 प्रमुख मांगें हैं। आज सुबह मांगों को लेकर विधानसभा कूच करने ग्रामीण पैदल निकले।
ग्रामीणों ने बताया कि उनका धरना अनिश्चितकाल के लिए है, जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो पाती। ग्रामीण किसानों की प्रमुख मांग गांव में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा खुलवाना है। तो साथ ही शराबबंदी को अमल में लाने और मोहड़ जलाशय का पानी गांव के किसानों को दिलाने की प्रमुख मांगें हैं। वे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग भी कर रहे हैं।
पहले दिया था अल्टीमेटम
पहले से ही किसानों ने अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है, जिसके बाद लोगों के सब्र का बांध टूट गया है और पूरा गांव एकजुट होकर शासन-प्रशासन, भाजपा कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना-प्रदर्शन में बैठे रहे।
किसानों का कहना है कि हमारी मांग किसी सरकार ने अब तक नहीं सुनी है। 10 साल से हम यह मांग दोहराते आ रहे हैं, पर सब सरकार बहरी है। इसलिए यहां के ग्रामीण भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही खिलाफ लामबंद हो चुके हैं।
भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज मौजूद
बीते 3 दिनों से ग्रामीणों की हड़ताल जारी है और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस पार्टी दोनों के पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं को आड़े हाथों लिया है। ज्ञात हो कि आज इस मंच पर भाजपा कांग्रेस के सभी दिग्गज मौजूद हैं, इसमें से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवलाल ठाकुर मंत्री प्रतिनिधि पियूष सोनी सहित अन्य जनप्रतिनिधि वहां मौजूद हैं। भाजपा ने जहां हड़ताल को समर्थन दिया है, वहीं कांग्रेस के पदाधिकारी समझाइश देने पहुंचे थे।
तय करनी पड़ती है 10 किलोमीटर की दूरी
वनांचल में बसे होने के बावजूद रेंगाडबरी के लोगों को बैंकिंग की सुविधा नसीब नहीं होती। गांव से 10 किलोमीटर दूर भवरमरा के बैंक में उन्हें जाना पड़ता है। इससे खासतौर से किसानों को काफी दिक्कत झेलनी पड़ती है। जो बैंक खुलवाने की मांग कर रहे हैं, जो बैंक खोलने की मांग है।
वह दरअसल में किसानों से संबंधित ही है। धान बेचने के बाद भुगतान के लिए किसानों को 10 किमी दूर चक्कर काटना पड़ता है। 10 से 12 साल से गांव में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा खोलने की मांग की जा रही है। पर अब तक किसी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए कई जनप्रतिनिधि तक दरवाजा खटखटा चुके हैं। भाजपा के काल में हो या कांग्रेस के काल में मंत्री तक जा चुके हैं।
मोहड़ जलाशय से मिले पानी
किसानों का यह भी कहना है कि मोहड़ डैम हमारे क्षेत्र में पड़ता है लेकिन इसका पानी हम ही को नहीं मिलता है। यह कितना बड़ा दुर्भाग्य है। मोहड़ का पानी क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए दिया जाना चाहिए ।जबकि सिंचाई विभाग यहां के पानी को निजी क्षेत्र में पहुंचाता है। जबकि इसमें पहला हक किसानों का होना चाहिए।
शराबबंदी की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी करने की मांग की थी परंतु कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र का वादा नहीं निभाया है आज हमारे क्षेत्रों में नशाखोरी बढ़ रही है विशेषकर ग्रामीणों से महिला वर्ग से यह आवाज आ रही है कि शराबबंदी किया जाय।
विधानसभा घेरने की तैयारी
समस्त ग्रामवासियों का कहना है कि यदि उनकी मांगें जल्द से जल्द पूर्ण नहीं हो जाती तो वे विधानसभा घेरने की तैयारी में है। प्रशासन व पुलिस प्रशासन उन्हें रोके हुए हैं एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा उन्हें समझाइश दी जा रही है। आज सुबह से ही वे पैदल विधानसभा कूच किए।