राजनांदगांव
हड़ताल का असर जन-चौपाल और टीएल बैठक पर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 जुलाई। शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों की राज्यव्यापी हड़्ताल का प्रशासनिक कामकाज पर व्यापक असर पड़ा है। मंगलवार को निर्धारित समय-सीमा की बैठक को ऐनवक्त पर कलेक्टर को स्थगित करना पड़ा। वहीं साप्ताहिक जनचौपाल को भी अगले आदेश तक प्रशासन ने रद्द कर दिया है।
शीर्ष अफसरों के लिए हड़ताल के दौरान कामकाज निपटाना अव्यवहारिक हो गया है। अफसरों को जरूरी दस्तावेज और फाईलों के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। प्रशासनिक दस्तावेज में तय समय पर कार्रवाई नहीं होने से प्रशासन पर कामकाज का अनावश्यक दबाव बढ़ गया है। जिले के सरकारी कर्मचारी आगामी 29 जुलाई तक हड़ताल पर हैं। यह पहला मौका है जब एकजुट होकर कर्मचारियों के अलग-अलग फेडरेशन और संघ ने हड़ताल शुरू की। इस हड़ताल को सरकार के खिलाफ एक सांकेतिक प्रदर्शन के तौर पर कर्मियों ने पेश किया है। यानी मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में अगले महीनों के बाद एक साथ कलम बंद अभियान के तहत कर्मी हड़ताल पर जाने सरकार को चेतावनी दे रहे हैं।
जिला मुख्यालय के अलावा ब्लॉकों में भी आज दूसरे दिन कामकाज बंद रहा। इसका असर राजस्व विभाग पर ज्यादा पड़ा है। तय समय पर सरकार को मिलने वाली राजस्व से नुकसान उठाना पड़ रहा है। स्थानीय सभी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ है। कलेक्टर से लेकर जिला पंचायत सीईओ और अन्य प्रमुख अधिकारी भी कर्मियों की अनुपस्थिति से आवश्यक दस्तावेज के आगे नहीं बढऩे से परेशान हैं। अफसरों को बाबुओं से लेकर चपरासियों की कमी खल रही है। माना जारहा है कि अगले कुछ दिनों में हड़ताल एक बड़ा रूप अख्तियार कर सकता है। केंद्र की तर्ज पर 34 प्रतिशत डीए और सातवें वेतनमान के तहत गृहभाड़ा बढ़ाने समेत अन्य मांगों को लेकर राजनंादगांव समेत पूरे राज्य में कर्मचारी हड़ताल पर हैं।