जशपुर

हरेली तिहार पर गौठानों में होगी पारंपरिक कार्यक्रमों की धूम, होंगी स्पर्धाएं
27-Jul-2022 7:38 PM
हरेली तिहार पर गौठानों में होगी पारंपरिक कार्यक्रमों की धूम, होंगी स्पर्धाएं

छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से महकेंगे गोठान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 27 जुलाई ।
हरेली-तिहार छत्तीसगढ़ राज्य का पहला त्यौहार है, जो छत्तीसगढ़ की ग्रामीण कृषि संस्कृति, परंपरा एवं आस्था से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य के तीज-त्यौहार, परंपरा एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने की पहल के चलते हरेली सहित अन्य तिहार जैसे पोला-तीजा, छेर-छेरा पुन्नी आदि का आयोजन बीते तीन सालों से बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोडऩा है, ताकि लोग छत्तीसगढ़ की  समृद्ध कला-संस्कृति, तीज-त्यौहार एवं परंपराओं पर गर्व की अनुभूति कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा भी इसी उद्देश्य की पूर्ति का एक हिस्सा है, ताकि लोग छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों के अवसर पर अपनी बढ़-चढक़र भागीदार सुनिश्चित कर सकें।

कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिले के सभी गौठानों में 28 जुलाई को हरेली त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। उन्होंने सभी जनपद सीईओ को हरेली पर्व मनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।

छत्तीसगढ़ शासन की मंशा अनुरूप कृषि विभाग द्वारा गौठानों में हरेली तिहार के दिन 28 जुलाई को ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर ग्रामीणों के मध्य गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्साकशी, भौंरा, नारियल फेंक आदि की प्रतियोगिताएं तथा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की भी स्पर्धाएं होंगी।
हरेली तिहार के दिन गौठानों में पशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण एवं टीकाकरण के लिए विशेष कैम्प का भी आयोजन किया जाएगा। गौठानों में पशुओं को नियमित रूप से भेजने, खुले में चराई पर रोक लगाने तथा पशु रोका-छेका अभियान में सभी ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी को लेकर भी चर्चा की जाएगी। हरेली तिहार के दिन किसानों को भी गौठानों में विशेष रूप आमंत्रित कर खेती-किसानी के संबंध में उन्हें समसमायिक सलाह देने के साथ ही उन्हें वर्मी कम्पोस्ट का खेती में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

गौठानों के प्रबंधन,  क्रय किए गए गोबर, उत्पादित वर्मी कंपोस्ट के रखरखाव सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की जाएगी तथा गौठानों में गोबर, वर्मी कम्पोस्ट आदि के सुरक्षित रख-रखाव के लिए  छायादार चबूतरा, तिरपाल आदि के प्रबंध की पहल की जाएगी। हरेली तिहार के मौके पर जनप्रतिनिधियों, गौठान प्रंबंधन समिति के सदस्यों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों द्वारा फलदार, छायादार पौधों विशेषकर कदम का रोपण किए जाए।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news