बिलासपुर
बिलासपुर, 28 जुलाई। एसईसीएल के कुसमुंडा एरिया स्थित विकास नगर डिस्पेंसरी को डिजिटल डिस्पेंसरी बनाया जा रहा है। कोल इंडिया ने इसकी मंजूरी दी है। अब कोल कर्मियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से इलाज मिलेगा। कोल इंडिया की इस पहल से उन कोयला कर्मियों को भी रीजनल या सेंट्रल हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टरों का परामर्श मिल पाएगा, जो सुदूर खदानों में कार्य करते हैं।
डिजिटल डिस्पेंसरी में विशेषज्ञ डॉक्टर से मिले बिना मरीज को इलाज की सुविधा बेहद आसानी से मिलेगी। इसके लिए उन्हें सिर्फ डिजिटल डिस्पेंसरी तक पहुंचना होगा। डिजिटल डिस्पेंसरी में टेलीमेडिसिन टर्मिनल लगा होगा। डिस्पेंसरी का पैरा-मेडिकल स्टाफ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये इस टर्मिनल से मरीज को स्पेशलिस्ट डॉक्टर से चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराएगा। टेलीमेडिसिन टर्मिनल में उपलब्ध क्लीनिकल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के जरिये डॉक्टर मरीज की बीमारी को बेहतर तरीके से समझकर उनका इलाज कर पाएंगे। साथ ही डॉक्टर से मिली ई-पर्ची के आधार पर डिजिटल डिस्पेंसरी में लगी आईओटी मशीन से 15 मिनट के भीतर मरीज की आवश्यक जांच (एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड के अलावा) कर उसकी डिजिटल रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज को दवा देंगे। मरीज के डिस्पेंसरी आने से लेकर उसके इलाज, जांच एवं दवा दी जाने तक की प्रक्रिया 30 से 45 मिनट में पूरी कर ली जाएगी।
कोल इंडिया लिमिटेड ने अपने कर्मियों की स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया है। कोल इंडिया की विभिन्न अनुषंगी कंपनियों की 25 डिस्पेंसरी जल्द ही डिजिटल डिस्पेंसरी के रूप में कार्य करेंगी। इसके अंतर्गत सीसीएल की 11, एमसीएल की 6, ईसीएल की 6, एसईसीएल की 1 और डब्ल्यूसीएल की 1 डिस्पेंसरी में डिजिटल की जाएगी।