बिलासपुर
करगीरोड (कोटा), 28 जुलाई। छत्तीसगढ़ राज्य का पहला त्यौहार हरेली पर्व के मौके पर किसानों ने घरों में हल समेत कृषि यंत्रों की पूजा की। घरों में व्यंजन बनाए गए। गांवों में बांस से बनी गेड़ी पर चढक़र छोटे बच्चों ने आनंद लिया।
आज सुबह से ही घरों के दरवाजे पर नीम की डाल खोंचकर इस पर्व की शुरूआत हुई है। गांवों में किसानों ने अपने कृषि औजारों की पूजा की है और गायों को जलजनित बीमारियों से बचाने गेहूं आटा के साथ बनगोंदली और दशमूल की जड़ों की लोंदी खिलाई है। आज बिहान होते ही पहटिया गाय-बैलों को कोठा से निकाल कर दैहान तक ले गया। वहां मवेशियों के लिए तैयार लोंदी खिलाई गई। किसान अरंड या खम्हार के पत्ते में खड़ा नमक की पोटली के साथ थोड़ा सा चावल-दाल लेकर दैहान में आते हैं। इसके अलावा राऊत और बैगा नीम की डाली सभी के घरों के दरवाजे पर टांगते हैं एवं द्वार पर कील गाड़ देते हैं। कहीं कहीं पर भेलवा की पत्तियां भी भरपूर फ़सल होने की प्रार्थना स्वरुप लगाई जाती हैं। गांव के बच्चे गेड़ी में चढ़ते हैं।