बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 जुलाई। रेकी सेंटर का संचालक नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रुपए की ठगी करता रहा, जब इनमें से एक पीडि़त ने एफआईआर दर्ज कराई तो वह फरार हो गया।
सिविल लाइन पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नेहरू नगर गणेश चौक में 3 साल पहले दुर्ग के थानेश्वर प्रसाद शर्मा ने आकर श्री शंकर रेकी सेंटर खोला। यहां वह लोगों का रेकी पद्धति के जरिए इलाज करने का दावा करता था। इसका वह अखबारों में व पंफ्लेट के जरिये प्रचार भी करता था। उसके पास कई लोग इलाज कराने पहुंचने लगे।
मंझवापारा, बिलासपुर के रहने वाले अशोक कुमार पांडे एक प्राइवेट कॉलेज का संचालन करते हैं। वे अपनी पत्नी का इलाज करने के लिए कराने के लिए उनके पास आते रहे। इस दौरान उसकी जान-पहचान बढ़ गई। तब आरोपी ने झांसा दिया कि वह केंद्र सरकार के एंटी करप्शन ब्यूरो का अधिकारी है और यहां गोपनीय रूप से काम करते हैं। वह परिवार के बेरोजगार बच्चों को सरकारी नौकरी दिला सकते हैं। इसके लिए पैसे लगेंगे। पांडे उनके झांसे में आ गए। उन्होंने अपने दो भतीजे मयंक और अभिलाष तथा साली रिचा दुबे को नौकरी दिलाने के लिए 15 लाख रुपये किस्तों में उसके बैंक खाते में जमा करा दिए। पैसे देने के बाद भी नौकरी नहीं लगने पर वह आरोपी शर्मा के पास पैसा वापस लेने के लिए भटकने लगे, लेकिन वह बार-बार घुमाने लगा। परेशान होकर पांडे ने सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई। इसी बीच आरोपी थानेश्वर शर्मा फरार हो गया। धोखाधड़ी की धारा 420 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज कर पुलिस उसकी तलाश कर रही है।