बालोद
आयुष्मान योजना का पैसा भी खत्म, प्रशासन कराएगी इलाज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 2 अगस्त। बालोद जिले के ग्राम अमोरा निवासी एक 12 वर्षीय बालिका जो की आंगनबाड़ी जाते समय बचपन में गिर गई थी और धीरे धीरे यह परेशान उम्र के साथ बढ़ती गई, जब उसे भिलाई के एक निजी अस्पताल में सिर का ऑपरेशन किया गया तो उसकी आंखों की रोशनी चली गई और आयुष्मान कार्ड के तहत 5 लाख रुपए भी इलाज में खत्म हो गए जब बालिका अपने पिता के साथ कलेक्टर के पास पहुंची तो कलेक्टर ने शासकीय योजनाओं के तहत बेहतर इलाज का आश्वासन दिया इसके साथ ही इलाज शुरू हो गया दरअसल बच्ची के ब्रेन में ब्लड क्लोटिंग हुई थी।
बचपन की घटना अब परेशानी
बालोद जिले के ग्राम अमोरा निवासी कुशिका पिता नंदकुमार उम्र 13 वर्ष बचपन में आंगनबाड़ी जाते हुए गिर गई थी जिसके बाद उसके सर में कभी कभी दर्द होता था लेकिन सर दर्द की दवाई और बॉम इत्यादि लगाकर काम चल जाता था लेकिन अब जब समय के साथ बड़ी हुई तो ऑपरेशन तक की नौबत आ गई।
इलाज के दौरान गई आंख की रोशनी
जब बच्चे के सिर की समस्या बढ़ती रही तो यहां पर उसे भिलाई के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया जिसके बाद वहां उसका इलाज किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी आंखों की रोशनी चली गई अब उस बच्ची के पास काफी गंभीर समस्या है।
आयुष्मान का पैसा भी हुआ खत्म
दरअसल आयुष्मान भारत कार्ड से 5 लाख निकल जाने की शिकायत लेकर के कलेक्टर के पास पहुंचे थे जहां पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि ज्यादा गंभीर समस्या होने के कारण उसके सिर का ऑपरेशन किया गया है और आईसीयू में भी बच्ची को रखा गया था जिसके कारण कितना खर्चा हुआ है।
अब कलेक्टर के निर्देशन में इलाज
बीमार बच्ची एवं उसके माता-पिता ने पूरे मामले की जानकारी बालोद कलेक्टर गौरव कुमार सिंह को दी जिसके बाद तत्काल उन्होंने मामला संज्ञान में लिया और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मामले को हस्तांतरित किया जहां पर जांच पड़ताल के बाद यह बात सामने आई कि मुख्यमंत्री सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अब प्रशासन इस बच्ची का इलाज कराएगी।
शुरू हुआ इलाज
छोटे बच्चे के सिर का ऑपरेशन हुआ है इसके लिए यहां पर बच्चे का ऑपरेशन शौक नहीं पाया है जिसके कारण फिलहाल उसका दवाइयों से इलाज किया जाएगा और ऑपरेशन पूरी तरह सूख जाने के बाद शल्यक्रिया और आंखों की रोशनी संबंधित इलाज शुरु की जाएगी कलेक्टर स्वयं इस पूरे घटनाक्रम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और बच्चे के उचित इलाज का निर्देशन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिया गया है।