राजनांदगांव
राजनांदगांव, 3 अगस्त। जैन संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि हर रोज भगवान अरिहंत को इतनी सारी अच्छी चीजें देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करें। भगवान की खोट मत निकालो। अरिहंत पर अटूट विश्वास होना चाहिए कि जो कुछ है सब उनका दिया है। उन्होंने कहा कि जब कोई डॉक्टर फीस लेकर हमारी बीमारी दूर कर देता है तो हम उसे धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। जबकि जो हमारे ऊपर इतना उपकार करता है, हम उसे भूल जाते हैं। आप कृतघ्न न हो भगवान के प्रति कृतज्ञता जताएं।
समता भवन में सोमवार को जैन संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि व्यक्ति अपने किए का ध्यान रखता है, किंतु जो सब कुछ कर रहा है, उसे ही भूल जाता है। वर्तमान में हमें जो प्राप्त है, वह संचित है और जो अप्राप्त है, वह हमें प्राप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति करने वालों की शिकायतों का अंत ही नहीं होता। वे हमेशा भगवान से कुछ न कुछ मांगते ही रहते हैं और नहीं मिलने पर शिकायत करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस चीज के आप योग्य हैं, वह आपको अरिहंत दे देता है और जिस चीज के आप योग्य नहीं हैं, वह आपको कैसे मिलेगा? उन्होंने कहा कि मन में धन्यवाद का भाव लाएं। दुख के भाव रखने वाले कभी खुश नहीं हो सकते और जो खुशी के भाव रखते हैं, वे हर परिस्थिति में खुश रहते हैं।