बीजापुर
प्रमाण पत्र के साथ 50 लाख का मिलेगा इनाम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 3 अगस्त। नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले की पहचान अब धीरे-धीरे बदल रही है। कभी बारूद की गंध और गोलियों की गूंज से पहचाने जाने वाला बीजापुर अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रहा है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने बीजापुर जिला अस्पताल को कायाकल्प स्वच्छ अस्पताल योजना के तहत वर्ष 2021-22 का प्रदेश भर का पहला जिला अस्पताल घोषित किया है। बीजापुर जिला अस्पताल को ओवर ऑल 87.5 प्रतिशत रैंक के साथ यह उपलब्धि हासिल हुई है, जबकि कवर्धा जिला अस्पताल 85.71 प्रतिशत अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
बीजापुर अस्पताल को प्रदेश में अव्वल आने पर स्थानीय विधायक विक्रम मंडावी व कलेक्टर राजेन्द्र कटारा ने सीएस अभय सिंह तोमर सहित समस्त डॉक्टरों व स्टाफ को बधाई दी है। सोमवार की राजधानी में इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी गई है।
29 जिलों को पछाड़ कर ओवर ऑल रैंक के साथ पहला स्थान आने पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर बीजापुर अस्पताल को प्रमाणपत्र व 50 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। यह राशि को अस्पताल के उन्नयन में खर्च किया जाएगा।
सिविल सर्जन अभय सिंह तोमर ने बताया कि प्रदेश भर अस्पतालों में पहले पीयर असिसमेन्ट होता है। इनमें एक जिले वाले दूसरे जिले का करते हैं। बीजापुर अस्पताल के लिए दंतेवाड़ा की टीम को दिया गया था। दंतेवाड़ा की टीम यहां आई थी, टीम ने अस्पताल की स्वच्छता, मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं, दस्तावेजों के रखरखाव, अस्पताल की साफ सफाई की बारीकी से परीक्षण किया था। इसके बाद राज्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की टीम गर्मी के दिनों में यहां आई थी। राज्य स्तरीय टीम ने यहां सारे साफ सफाई, दस्तावेजों के संरक्षण, मरीजों का सर्टिफेक्शन, बीएमडब्लू व स्टाफ इंटेलिजेंस आदि बिंदुओं के निरीक्षण से संतुष्टि के आधार पर बीजापुर जिला अस्पताल को प्रदेश भर में पहला स्थान मिला है। सीएस श्री तोमर ने आगे बताया कि सोमवार को राजधानी में इसकी आधिकारिक घोषणा हो गई है। फिलहाल राशि व प्रमाण पत्र नहीं मिला है।
डीएस बीजापुर का ग्राफ बढ़ा
वर्ष 2017 -18 में बीजापुर जिला अस्पताल इसी योजना के तहत प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा, लेकिन समय के साथ बढ़ते संसाधनों व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते इस बार बीजापुर जिला अस्पताल को अव्वल चुना गया है। सीएस तोमर की माने तो पूर्व की अपेक्षा यहां रिफर केस में भी कमी आई है।