रायपुर
कोरोना के चलते बंदियों की कारीगरी में पहले से बंदिश
जेल मुख्यालय से नहीं पहुंचा कोई आदेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 अगस्त। जेल परिसर में राखी पर्व के दौरान दिखने वाली भीड़ को इस साल भी कोरोना का ग्रहण लगने वाला है। कोविड संक्रमण के खौफ के चलते इस साल जेल मुख्यालय से राखी पर्व के लिए अभी तक कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुए हैं कि केंद्रीय जेल रायपुर स्टॉफ असमंजस की स्थिति में है। अभी से बंदियों को राखी के दिन मुलाकात करने के लिए लोग लाइन लगा रहे हैं लेकिन भाइयों की कलाई में राखी बांधने की अनुमति को लेकर जेल प्रबंधन कुछ भी जवाब देने की स्थिति में नहीं है।
बड़े उत्सव के लिए कोविड संक्रमण लगभग खत्म होने के बीच लोगों में खासा उत्साह बना हुआ है लेकिन जेल मुख्यालय की तरफ से कोई भी नई गाइड लाइन जारी नहीं किए जाने की स्थिति में जेल परिसर की व्यवस्था की व्यवस्था को लेकर काई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। जेल के एक करीबी सूत्र का कहना है आगामी राखी पर्व के लिए सामान्य दिनों में पंद्रह से बीस दिन पहले ही गाइड लाइन जारी कर दिया जाता है लेकिन इस साल भी कोविड काल की तरह खामोशी बनी हुई है। संभवतया बाहरी भीड़ को दूर रखने के मकसद से मुख्यालय ने इस बाद भी बंदियों की कलाई में राखी बांधने की व्यवस्था से दूरियां बढ़ाने निर्णय लिया है, इस कारण से अभी तक कोई भी दिशा निर्देश जारी नहीं किए हैं। सूत्र का कहना है पिछले ढाई साल से जेल में किसी भी तरह के सार्वजनिक आयोजनों को लेकर पाबंदी रखने फरमान लागू है। इसमें किसी भी तरह के बदलाव करने को लेकर कोई भी दिशा निर्देश जारी नहीं हुए हैं। जानकारों के मुताबिक रक्षा बंधन 11 अगस्त, वृहस्पतिवार को लगभग सुबह 9.30 बजे के बाद पूर्णिमा तिथि लगने के उपरान्त मनाया जाएगा। राखी पर्व के करीब आने के बाद जेल में बंदी भाइयों से मुलाकात के लिए परिजन अभी से संपर्क साध रहे हैं, लेकिन उन्हें अनुमति को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा है। इस मामले में जेल डीजी कारीगरी पर बैन कायम, नहीं कोई काम बंदियों की श्रम-कारीगरी पर लंबे समय से बैन लगाया गया है। कोविड संक्रमण के चलते बैरक में खतरा बढऩे की संभावना जताते हुए जेल मुख्यालय की ओर से सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। इसी के चलते इस बार भी केंद्रीय जेल में राखी पर्व को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जेल में बंदियों की कारीगरी के चलते उनके द्वारा निर्मित राखियां, फर्नीचर और दूसरे तरह के डेकोरेशन वाली सामग्री बाहर बिक्री की जाती है, लेकिन इस साल भी ये गतिविधियां खामोश है।
34 सौ से ज्याद बंदियों की कलाई सूनी
बहनों के हाथ से कलाई पर सुरक्षा डोर बांधे जाने के मामले में इस साल भी राखी उत्सव में मायूस रह जाएंगे। केंद्रीय जेल रायपुर में 3411 बंदी हैं। इनमें से लगभग 16 सौ सजायाप्ता है। सजायाप्ता बंदियों से मुलाकात के लिए लगातार परिजन संपर्क साधने में लगे हुए हैं। लॉक डाउन हटने के बाद भी जेल मुख्यालय में कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करने सख्त निर्देश कायम है। इसके चलते मुलाकाती कक्ष कम से कम लोगों को ही मुलाकात करने की अनुमति दी जा रही है। यह व्यवस्था जून महीने से कायम है।
आदेश का इंतजार
राखी पर्व को लेकर जेल में नए आदेश का इंतजार है। फिलहाल बंदियों को सीधे राखी बांधने को लेकर कोविड काल से सख्त नियम लागू है। अभी तक बंद लिफाफे में ही राखी पहुंचाने का नियम लागू है। - उत्तम पटेल, जेलर, केंद्रीय जेल रायपुर