रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 अगस्त। सोशल मीडिया में अश्लील वीडियो जारी कर सनसनी फैलाने वालों की खोजबीन करते हुए पुलिस ने सख्त कार्रवाई तेज कर दी है। हाल के दिनों में मोबाइल नंबरों के आधार पर पुलिसिया खोजबीन में आरोपी दबोचे गए हैं जिसके बाद उनके फोन से सीम कार्ड जब्ती बनाकर उसे ब्लेक लिस्टेड करने की कार्रवाई भी जोरों पर है। पुलिस के रिकार्ड में पिछले दो साल के अंदर 54 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें अश्लीलता बरतने वालों के फोन नंबर जब्त किए गए हैं। इन नंबरों को बंद करने के लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है। एनसीआरबी की रिपोर्ट में प्रदेशभर से ज्यादातर लोग सोशल मीडिया में बच्चों और महिलाओं से संबंधित अश्लील वीडियो अपलोड करने में लगे हुए हैं। इनकी शिकायत होने के बाद केंद्रीय एजेंसी मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई कर रही है, इधर राज्य में निर्देश जारी होने के बाद जिलों में पुलिस ने भी कार्रवाई शुरू की है। हाल ही में एक दिन के भीतर पुलिस ने 11 लोगों को अश्लील वीडियो अपलोड करने के मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस के बताए अनुसार जिले में हर साल लगभग 100 शिकायतें मिल रही है, जिस पर फोन नंबरों के आधार पर कार्रवाई चल रही है। सायबर सेल के पास फेक आईडी बनाकर भ्रामक जानकारी फैलाने के मामले में भी शिकायतें सामने आई है इस पर अलग से जांच करने को कहा गया है।
शांति व्यवस्था भंग करने वाले भी नजर में
सोशल मीडिया के जरिए शांति व्यवस्था भंग करने वाले लोगों पर भी पुलिस ने नजरें जमाई हुई है। आने वाले दिनों में धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के बारे में अहम जानकारी हाथ लगने के बाद उनके बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास है। चुनावी साल में कानून व्यवस्था दुरूस्थ करने के लिए पुलिस ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि संवेदनशील और अति संवेदनशील जगहों की सूची बनाने के बाद शांति व्यवस्था भंग करने वाले भी लिस्टेड किए गए हैं। इनके सोशल मीडिया एकाउंट को भी खंगाला जा रहा है।
ज्यादातर युवा वर्ग से आरोपी शामिल
पुलिस की कार्रवाई में जिन फोन धारकों की खोजबीन हुई है ज्यादातर युवाओं के नाम सामने आए हैं। फोन नंबर के जरिए पुलिस ने उन तक पहुंचकर कार्रवाई की है। पिछले हफ्ते हुई गिरफ्तारी में धरसींवा और टिकरापारा थाना क्षेत्र के अलावा दूसरे थानों से भी आरोपियों को पकड़ा गया है। पुलिस ने अश्लील मैसेज और विडियो अपलोड करने वालों के खिलाफ में सायबर क्राइम के तहत अपराध दर्ज करते हुए कार्रवाई की।