बालोद

सरकार ने नहीं पर घुमका के ग्रामीणों ने लिया शराबबंदी को लेकर कठोर फैसला
05-Aug-2022 7:08 PM
सरकार ने नहीं पर घुमका के ग्रामीणों ने लिया शराबबंदी को लेकर कठोर फैसला

डिस्पोजल बेचना प्रतिबंधित, शराब बेचने पर अर्थदंड 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 5 अगस्त। 
बालोद जिले के एक गांव घुमका ने शराबबंदी को लेकर ठोस कदम उठाया है। यहां पर अवैध शराब बिक्री से परेशान ग्रामीणों ने काम बंद कर गांव में सामूहिक बैठक की और ऐसे कई कड़े निर्णय लिए। यहां तक की बैठक में 12 ऐसे लोग जो शराब बिक्री करते पकड़े गए थे, उनसे 45 हजार रुपए का अर्थदंड लिया गया, साथ ही गांव में यह नियम बनाया गया कि शराब बेचने तथा खरीदने वाले को भविष्य में 51 हजार रूपए का अर्थदंड लिया जाएगा।

गांव में लगाया जाएगा सीसीटीवी कैमरा
गांव में सार्वजनिक बैठक का आयोजन हुआ और ग्रामीणों ने मिलजुल कर यह निर्णय लिया कि गांव में 10 जगह चिन्ह अंकित कर 10 दिनों के भीतर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा जहां से शराब खरीदी बिक्री करने वालों के खिलाफ कड़ी निगरानी की जाएगी इस गांव में हाईटेक ढंग से शराब बंदी को लेकर कदम उठा लिया है इसके साथ ही गाली गलौच करने वाले को 20 हजार रुपए का अर्थदंड का प्रावधान भी रखा गया है।
खत्म होती मानवता
ग्राम के वरिष्ठ नागरिक प्रेम साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव में खुले रूप से अवैध शराब बिक्री के कारण हर वर्ग शराब की चपेट में है और विशेषकर महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिसके कारण मानवता मानव खत्म होती जा रही है ग्रामीणों की यह पहल काफी सार्थक है और आज की बैठक में सभी ने मिलजुल कर सहभागिता निभाई है।

अर्थदंड का रखा प्रावधान
ग्राम पंचायत घुमका एवं ग्राम समिति द्वारा संयुक्त रूप से आज बैठक रखी थी और अर्थदंड का प्रावधान भी रखा गया अब तक 45000 रूपए 12 शराब विक्रेताओं से लिए गए हैं और हिदायत भी दी गई है कि यदि कोई शराब बेचते या फिर खरीदते पकड़ा जाता है तो उन्हें 51000 रूपए का अर्थदंड लिया जाएगा।

डिस्पोजल बेचना प्रतिबंध
गांव वालों ने यह निर्णय लिया है की शराब पीने वाले अक्सर डिस्पोजल इत्यादि का उपयोग करते हैं लेकिन गांव वालों ने इसे गहराई से लिया और गांव में डिस्पोजल भेजना प्रतिबंधित कर दिया गया है। दुकानदारों को भी समझाइश दी गई है कि शराब बेचने एवं पीने वालों को डिस्पोजल उपलब्ध न कराएं।

इस बैठक को ग्राम प्रमुख मिलाप ठाकुर सरपंच श्रीमती सुनीता बख्शी सचिव ग्राम सचिव रामपाल साहू, प्रेम साहू, शारदा सिन्हा रामू राम ठाकुर सहित अन्य प्रमुख जन मौजूद रहे उन्होंने गांव की समस्या को देखते हुए आज पूरे काम धाम को बंद कर प्राणियों की सहमति से यह निर्णय लिया ऐसा निर्णय लेने वाला यह पहला गांव बन चुका है औरों को भी ऐसे निर्णय लेने चाहिए।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news