धमतरी

गंगरेल से 15 दिन में छोड़े गए 12 टीएमसी पानी, सिंचाई में दे चुके 2 टीएमसी
08-Aug-2022 3:40 PM
गंगरेल से 15 दिन में छोड़े गए 12 टीएमसी पानी, सिंचाई में दे चुके 2 टीएमसी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 8 अगस्त।
प्रदेश के दूसरे बड़े बांध गंगरेल की क्षमता 32.150 टीएमसी की है। इस साल बांध पानी से लबालब हैं। बांध के डूबान क्षेत्र में चारामा से लेकर कांकेर तक अच्छी बारिश हुई है। 8 अगस्त की स्थिति में गंगरेल बांध में 30.052 टीएमसी पानी संग्रहित हैं, जो कुल जलभराव का 93 फीसदी हैं। इसमें से 25.880 टीएमसी उपयोगी पानी है। बांध का जलस्तर 348.02 मीटर पर बना हुआ हैं।
कैचमेंट एरिया में अब भी रूक-रूक कर बारिश हो रही हैं। मानसून सीजन को देखते हुए गंगरेल बांध का जलभराव क्षमता को घटाकर 90 फीसदी तक लाने की बात कही जा रही हैं। अफसरों के मुताबिक बारिश के सीजन में अब तक 25.205 टीएमसी पानी की आवक हो चुकी हैं। बांध का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचने के बाद इसका सभी 14 गेट खोल कर 12.744 टीएमसी पानी बहा दिया गया। जलस्तर को मेंटेन करने के लिए ही यहां अब जितनी मात्रा में पानी की आवक हो रही हैं, उसे छोड़ा जा रहा हैं।

अन्य बांधों की भी सुधरी सेहत
गंगरेल की तरह महानदी जलाशय परियोजना के अन्य तीनों बांधों की भी सेहत बड़ी तेजी के साथ सुधर रही है। आज की स्थिति में 5.839 टीएमसी क्षमता वाले मुरूमसिल्ल बांध में 4.082 टीएमसी (69.90फीसदी), 10.192 टीएमसी क्षमता वाले दुधावा बांध में 6.341 टीएमसी (62.21 फीसदी) तथा 6.995 टीएमसी क्षमता वाले सोंढूर बांध में 5.369 टीएमसी (76.75 फीसदी) पानी भर चुका है।

सिंचाई के लिए दे चुके 2 टीएमसी पानी
रुद्री बॅराज से 1 जून से लेकर अब तक 11.701 टीएमसी पानी छोड़ा जा चुका हैं। इसमें 2.398 टीएमसी पानी खरीफ सिंचाई के लिए दिया जा चुका है। इसी तरह फ्लड में 7.999 टीएमसी तथा निस्तारी में 0.972 टीएमसी और पेयजल के लिए 0.232 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका हैं।

भारी बारिश से चारों बांधों में 83.08 फीसदी जलभराव
बांध-     क्षमता-     जलभराव-     प्रतिशत
गंगरेल-     32.150-    30.052-     93.47
मुरूमसिल्ली-    5.839-     4.082-     69.90
दुधावा-     10.192-     6.341-     62.21
सोंदूर-     6.995-     5.369-     76.75
कुल-     55.176-     45.844-     83.08
जिले में आज भारी बारिश के
लिए यह सिस्टम बना
 मानसून द्रोणिका जैसलमेर, रायसेन, सिवनी, दुर्ग, कोटा, निम्न दाब का केंद्र, और उसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर अंडमान सागर तक स्थित है।
- एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम व पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तटीय उड़ीसा और तटीय उत्तरी आंध्र प्रदेश के ऊपर स्थित है। साथ ही ऊपरी हवा का चक्रवात 7.6 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है।  
 

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