राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 8 अगस्त। ग्राम बागुर में पदस्थ प्रधानपाठक द्वारिकाराम यादव पिछले 40 वर्षों से स्कूलों में अपनी सेवा देते आ रहे हैं, का रिटायरमेंट हो गया है। उक्त शिक्षक अपनी कार्यप्रणाली से सभी के चहेते थे और शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य किए हैं। जिसके चलते उनके विदाई को यादगार बनाया गया। डीजे पर रैली निकाली गई, फूलमाला और तिलक लगा उनका सम्मान किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार 15 जुलाई 1960 में गंडई के क सामान्य परिवार में जन्मे द्वारिका यादव ने अपनी पढ़ाई एमएएम समाज शास्त्र लोकगीत में शिक्षा प्राप्त की और 03 जुलाई 1982 में सहायक शिक्षक के रूप में प्राथमिक शाला बिरनपुरखुर्द में पद ग्रहण किए। वहीं 1996 से 2000 तक सहायक परियोजना अधिकारी के रूप में साक्षारता मिशन छुईखदान ब्लॉक का कार्य संभाले श्री यादव लोक गायक कलाकार भी हैं। आकाशवाणी रायपुर में 1984 से आज तक लोक गीत की प्रस्तुति देते आ रहे हैं। वही संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन व दक्षिण मध्य संस्कृति केंद्र नागपुर के सौजन्य से महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, झारखंड, नई दिल्ली, उड़ीसा जैसे राज्यो में छत्तीसगढ़ लोक कला मंच दूध मोगरा में गायक के रूप में छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति देते आ रहे हैं।
श्री यादव ने चर्चा में बताया कि शिक्षा और कला के क्षेत्र में मुझे अनेक सम्मान मिला, चाहे वो जिला साक्षरता मंच द्वारा हो, ब्लाक में सर्वश्रेठ प्रधान पाठक के रूप में हो, सामाजिक संगठनों से हो, शासकीय आयोजन में या अन्य प्रदेशों से हो, सांस्कृतिक क्षेत्र में जिला कलेक्टर के हाथों से सम्मान भी मिला, लेकिन आज जो विदाई और सम्मान मुझे ग्रामीण और छात्र-छात्राओं व मेरे स्टाफ के शिक्षकों से मिला है, इस पल को मैं कभी नहीं भूल सकता और इस पल को सोच कर भावुक हो गया हूं। विदाई के बाद मुझे लगा कि मैंने अपने जीवन में धन-दौलत से ज्यादा इनका स्नेह और प्यार कमाया। सेवानिवृत्त होने के बाद भी मुक्त शिक्षा की जहां जरूरत पड़ेगी, मैं इसके लिए हमेशा तैयार रहूंगा।