बीजापुर
लगातार बारिश से पोंजेर पुलिया क्षतिग्रस्त हो गया। चार पहिया वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। दो पहिये वाहनों को आवाजाही की अनुमति दी गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 8 अगस्त। जिले में पिछले 72 घंटों से अनवरत हो रही बारिश से एक बार फिर नदी-नालों के उफान पर आ जाने से बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। तुमनार पुल में बाढ़ आने से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है, वहीं मरी नदी व चेरपाल नदी भी बाढ़ की चपेट में होने से यहां से भी आवागमन बंद है। नैमेड़ से कुटरू मार्ग 8 घंटे बंद रहने के बाद दोपहर में बहाल हो गया है।
जिले में 72 घंटों से सावन की झड़ी लगी हुई है। आसमान से अनवरत बरस रही आफत की बारिश ने जन जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश की वजह से नदी नालों का जलस्तर बढ़ गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 63 बीजापुर से जगदलपुर 9 घंटों से बंद है। यहां सुबह 10 बजे तुमनार पुल के ऊपर से करीब 2 फीट पानी बह रहा है, जिससे एनएच में आवाजाही बंद हो गई है।
भैरमगढ़ तहसीलदार जुगल किशोर पटेल ने बताया कि एनएच बंद होने से लोग कोडोली से फरसपाल होते हुए आना-जाना कर रहे हैं। यात्री बसें भी इसी मार्ग से आवागमन कर रही हैं। श्री पटेल ने उम्मीद जताई है कि बारिश थमने के बाद देर शाम तक मार्ग बहाल हो सकता हैं। उन्होंने बताया कि मिरतुर से पहले मरी नाला में भी पानी भरे होने से इस मार्ग पर भी आवाजाही अवरुद्ध है।
बीजापुर तहसीलदार डीआर ध्रुव ने बताया कि धनोरा से कुटरू मार्ग दोपहर में खुल गया है। पोंजेर नाला से पानी जरूर उतर गया है, लेकिन इस नाला से दो पहिये वाहन ही गुजर रहे हैं। श्री ध्रुव ने आगे बताया कि चेरपाल नदी 24 घंटे से उफान पर होने से यह भी बंद हैं।
कुटरू तहसीलदार फनेश्वर सोम ने बताया कि नैमेड से कुटरू मुख्य मार्ग 8 घण्टे बाधित रहा। सुबह 7 बजे से नैमेड व कुएनार के बीच नयापारा नाला में बाढ़ आने से यह मार्ग बंद हो गया था। दोपहर 2 बजे के करीब पुल से पानी उतरते ही यह मार्ग बहाल हो गया है।
आवापल्ली तहसीलदार अश्वनी गावड़े ने बताया कि तालपेरु व यंगपल्ली में बाढ़ की स्थिति निर्मित जरूर हुई थी, लेकिन शाम तक जलस्तर के घटते ही पुल से पानी उतर गया है और यह मार्ग बहाल हो गए हैं।
भोपालपटनम तहसील में भी बारिश लगातार जारी रही। हालांकि यहां कही भी बाढ़ की स्थिति की खबर नहीं मिली है।
इधर, डिप्टी कलेक्टर व बाढ़ आपदा प्रभारी पवन कुमार प्रेमी ने बताया कि 6 तारीख को मौसम विभाग ने 72 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया था, लेकिन 72 घंटे पूरे होने के बाद भी बारिश की स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है।