महासमुन्द

सूचना का अधिकार मामले में आयोग को भी गुमराह कर गईं भस्करापाली सचिव, 25 हजार जुर्माना
09-Aug-2022 3:53 PM
सूचना का अधिकार मामले में आयोग को भी गुमराह कर गईं भस्करापाली सचिव, 25 हजार जुर्माना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 9 अगस्त।
छग राज्य सूचना आयोग ने पूर्व सचिव जनसूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत भस्करापाली मोहरमोती प्रधान के विरूद्व 25 हजार रुपए अर्थदण्ड और जांच कर दोषी पाये जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का आदेश दिया है।
मामला यह है कि आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने ग्राम पंचायत भस्करापाली में 01 अगस्त 2019 को सूचना का अधिकार के तहत आवेदन लगाया था। तात्कालिक सचिव मोहरमोती प्रधान ने निर्धारित अवधि में कोई सूचना दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया। आवेदक ने 18 सितम्बर 2019 को कार्यालय जनपद पंचायत पिथौरा में प्रथम अपील आवेदन दिया।

इस प्रकरण में प्रथम अपीलीय अधिकारी ने 08 नवम्बर 2019 को प्रथम अपील आदेश पारित किया कि आवेदक को चाही गई सूचना दस्तावेज एक सप्ताह के भीतर प्रदाय कर दिया जायें। इस आदेश का पालन भी तात्कालीक सचिव ने नहीं किया।
आवेदक को जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी से न्याय नहीं मिलने पर उसने छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में 23 दिसम्बर 2019 को द्वितीय अपील प्रस्तुत किया। वर्तमान सचिव परमेश्वर चतुर्वेदी ने 21 जुलाई 2020 को लिखित में आवेदक को जबाब दिया कि तात्कालीक सचिव श्रीमती मोहरमोती प्रधान ने उसे प्रभार में ग्राम पंचायत भस्करापाली का कोई भी अभिलेख नहीं सौंपा है। इसलिए सूचना दस्तावेज नहीं दिया जा सकता है।

छग राज्य सूचना आयोग ने तात्कालीक सचिव को नोटिस जारी करके जबाब मांगा। तात्कालीक सचिव श्रीमती मोहरमोती प्रधान ने 16 फरवरी 2022 को जबाब दिया कि वर्तमान सचिव परमेश्वर चतुर्वेदी को मैंने प्रभार संबंधित समस्त अभिलेख सौंप दिया है। उसके साथ पावती की कापी भी उसने जमा की। इसमें आरटीआई काय्रकर्ता विनोद कुमार दास ने आपत्ति किया। प्रकरण पेचीदा होने के कारण एम. के राउत मुख्य सूचना आयुक्त ने इस प्रभार संबंधी प्रकरण में प्रतिवेदन सीईओ जनपद पंचायत पिथौरा से मांगा।
सूचना आयोग में 21 जुलाई 2022 को एम.के.राउत मुख्य सूचना आयुक्त ने सीईओ जपं पिथौरा के प्रतिवेदन का अवलोकन किया जिसमें पूर्व सचिव श्रीमती मोहरमोती प्रधान द्वारा वर्तमान सचिव को ग्राम पंचायत भस्करापाली का वास्तविक रूप से प्रभार नहीं दिया गया है, जानकारी मिली। जिसके लिये उसे प्रत्यक्ष रूप से दोषी होना पाया गया। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत 25 हजार रुपए अर्थदण्ड किया। सीईओ जपं पिथौरा को 25 रुपए जुर्माने की राशि श्रीमती मोहरमोती प्रधान के वेतन से वसूल करके शासकीय कोष में जमा करने का आदेश दिया गया है। एम.के.राउत मुख्य सूचना आयुक्त ने पूर्व सचिव श्रीमती मोहरमोती प्रधान के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का पालन नहीं करने और सूचना आयोग के 03 नोटिस में उपस्थित नहीं होने के कारण सूचना का अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 20(2) के तहत जांच कर दोषी पाये जाने पर श्रीमती मोहरमोती के विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का सीईओ जिला पंचायत महासमुंद को अनुशंसा की गई है।
 

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