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भद्रा के चलते अधिकांश लोगों ने नहीं बंधवाई राखी, आज सुबह मनाएंगे रक्षाबंधन
11-Aug-2022 8:11 PM
भद्रा के चलते अधिकांश लोगों ने नहीं बंधवाई राखी, आज सुबह मनाएंगे रक्षाबंधन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,11 अगस्त।
भद्रा साया के असमंजस के चलते 11 अगस्त को अंबिकापुर में अधिकांश लोगों ने रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया। लोगों का कहना है कि वह 12 अगस्त की सुबह राखी का पर्व मनाएंगे।

भद्रा साया के चलते इस बार राखी का त्यौहार फीका रहा। कुछ लोगों ने तो सुबह 10.35 के बाद राखी बंधवाई, लेकिन अधिकांश लोग असमंजस के कारण 12 तारीख को प्रात: रक्षाबंधन मनाने की बात कही है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सूर्यास्त के बाद राखी बांधना वर्जित है। इस कारण से कुछ लोग 12 अगस्त को भी रक्षाबंधन मना रहे हैं। इस साल रक्षाबंधन के दिन-तारीख को लेकर बहुत ज्यादा कन्फ्यूजन है। पंडितों के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार इस साल गुरुवार, 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा।

दरअसल, रक्षाबंधन का शुभ पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाने की परंपरा है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस साल ये तिथि 11 अगस्त को पड़ रही है। पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 37 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 06 मिनट तक रहेगी।

इस साल 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि पर भद्रा के साए ने लोगों को भ्रमित कर दिया है। इसी डर से अधिकांश लोगों ने 12 अगस्त को रक्षाबंधन मनाने का मन बनाया है। जबकि पाताल लोक में होने की वजह से भद्रा का साया मान्य नहीं होगा, इससे धरती पर होने वाले शुभ कार्य भी बाधित नहीं होंगे। दूसरा, 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 6 मिनट तक ही पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसके बाद भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी और त्योहार का महत्व और मुहूर्त दोनों खत्म हो जाएंगे।

आज रक्षाबंधन के दिन बाजार में राखी खरीदने का दौर जारी था। गत बुधवार को हल्की बाजार में बारिश होने के बाद भी अच्छी खासी भीड़ हुई थी। राखी दुकानदारों ने बताया कि विगत 2 वर्षों में कोरोनाकाल होने से राखी की दुकानदारी काफी प्रभावित हुई थी परंतु इस वर्ष लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। बच्चों को कार्टून वाली राखियां भा रही हैं। चेन और पतले धागे के साथ छोटी राखियों की मांग रही।

अब रक्षाबंधन के बाद भगवान श्रीकृ्ष्ण का जन्मोत्सव भी दो दिन का होगा। जिस तरह से इस बार रक्षाबंधन 11 और 12 अगस्त को है उसी प्रकार 18 और 19 अगस्त को जन्माष्टमी की त्योहार भी मनाया जाएगा।

पंचांग गणना के मुताबिक 18 अगस्त को भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि रात को करीब 9 बजकर 22 मिनट से आरंभ हो जाएगी जो अगले दिन यानी 19 अगस्त को रात करीब 11 बज रहेगी।

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