राजनांदगांव
दो मौतों से वनबांशिदों में वन अमले को लेकर गुस्सा बढ़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 अगस्त। मोहला-मानपुर इलाकेे में पखवाड़ेभर से जंगल में डेरा जमाए हाथियों के दल ने आखिरकार दो ग्रामीणो को कुचलकर मार दिया। मारे गए दोनों ग्रामीण एक ही गांव के है। रक्षाबध्ंान पर्व पर हुए इस घटना से भैसबोड़ गांव में मातम छा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार मोहला वनपरिक्षेत्र के भैसबोड़ गांव से करीब 3 किमी दूर जंगल में हाथी दल का डेरा लगा हुआ। गुरूवार दोपहर को गांव के रामभरोसा कचलाम और संतलाल मंडावी हाथियों की चहलकदमी की खबर सुनकर जंगल की ओर चले गए। दोनों ग्रामीण हाथियों को देखने के फेर में दल के नजदीक पहुंच गए।
ग्रामीणों को देखकर हाथियों ने दोनों को दौड़ाया। जंगल मेें हाथियों के आक्रामक होने की स्थिति को समझने में भूल का खामियाजा में दोनों ग्रामीणों को अपनी जान गंवानी पड़ी। वन अमले ने इलाके में हाथियों के मौजूदगी के बाद से ग्रामीणों को बचाव और सुरक्षा को लेकर ताकीद भी किया है। कल दोपहर के बाद मृतक रामभरोसा कचलाम और संतलाल मंडावी दोनों को जंगल ही में हाथियों ने कुचल दिया। काफी देर तक घर वापस नही आने के बाद ग्रामीणों ने दोनों की खोजबीन शुरू की। गांव के बाहर के जंगल में दोनों के शव अलग-अलग स्थान पर वीभत्स हालत में मिलें।
हादसे की खबर से पूरा गांव सन्न रह गया। रक्षाबंधन पर्व की खुशी शोक में बदल गई। इधर वनवासियों के लिए हाथियों की मौजदूगी खतरे में बदल गई है। यह पहला मौका है जब हाथियों ने ग्रामीणों की जान ली है। बताया जाता है कि हाथियों को करीब से देखने की वजह से ग्रामीणों की मौत हुई है। वहीं वन अमले के ढीले बंदोबस्त को लेकर प्रभावित इलाकों में नाराजगी भी बढ़ रही है।
इस संबंध में दुर्ग सीसीएफ बीपी सिंह ने ‘छत्तीसगढ़’ से घटना की पुष्टि में कहा कि वनक्षेत्र के लोगों को हाथियों से दूर रहने व सुरक्षा के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा। मृतकों के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता के तौर पर 25 हजार की राशि दी गई है। वहीं 15 दिवस में दोनों मृतकों को 6-6 लाख रूपए दिए जाएंगे। इधर हाथी झुंड मोहला के राजाडेरा इलाके में चहलकदमी कर रहा है। हाथियों की संख्या 30 के आसपास बताई जा रही है। छोटे बच्चे होने की वजह से हाथियों का रवैय्या काफी आक्रामक हो गया है।