बेमेतरा
बेमेतरा जिले के पचभैय्या व दाढ़ी क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 13 अगस्त। बेमेतरा तहसील क्षेत्र के ग्राम पचभैय्या व दाढ़ी समेत आसपास के गांवों में नदी का जल स्तर बढऩे की वजह से आये विपदा से निपटने व राहत कार्य के लिए जिला प्रशासन व पुलिस का अमला जुटा हुआ है। पचभैय्या में समन्वय स्थापित कर बाढ़ आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्य मे लोगों को हर संभव मदद पहुचाने का कार्य किया जा रहा है।।
प्रदेश में हुई बारिश का असर अंचल में बहने वाली नदी-नालों में देखने को मिल रहा है। जिले की शिवनाथ , हॉफ और फोक नदियां अपने पूरे शबाब पर बह रही है , जिसके कारण रिहायसी इलाको एवं गांव जलमग्न हो गए हैं।
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए बेमेतरा जिला प्रशासन ने राजस्व एवं अन्य विभागों को रेस्क्यू कार्य मे लगा दिया गया है। पढकीडीह अँधियारखोर क्षेत्र में बहने वाली हाफ नदी विगत दो दिनों से बाढ़ की स्थिति है और लगातार जलस्तर बढ़ते ही जा रहा है , हालात यह है कि नदी किनारे बसे गांव में नदी का पानी घुस गया है , जिसके कारण कई घरों को खाली कराया जा रहा है। क्षेत्र के बरबसपुर , अँधियारखोर , मरका , जेवरा , देवरी , मक्खनपुर , सिघनपुरी गांव में पानी घुस गया है , जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है।
मितानिन ने बर्तन के सहारे किया उफनती नदी को पार
ग्राम काहकाबोड में गर्भवती महिला को अस्पताल पहुँचाने के दौरान मितानिन ने साहस का परिचय दिया। बताना होगा कि महिला को प्रवस पीड़ा होने के बाद से मितानिन चन्द्रकला साथ थी जो ट्रैक्टर में बैठकर आने के बाद पुल से ऊपर बहाव होने के कारण महिला कविता कुर्रे को जब नदी में वाहन के टिव पर खाट रखकर ले जाने का निर्णय लिया गया तब मितानिन बर्तन ( बांगा ) के सहारे नदी पार करने की ठानी और बर्तन को हाथ से पकड़े-पकड़े तैरते हुए कहकाबोड से सिघनपुरी तक पार करने के बाद कविता को साजा अस्पताल तक पहुँचाया और अस्पताल में प्रसूता के साथ मौजूद रही। इस बीच करीब दो घंटे का समय के दौरान जिम्मेदारी निभाते हुए मितानिन चन्द्रकला ने सेवा के साथ समर्पण का भी परिचय दिया है। ग्राम कहकाबोड में सुरही नदी पार कराने को लेकर जानकारी मांगे जाने पर साजा एसडीएम धनराज मरकाम ने अनिभिज्ञता जाहिर किया है।
जिले में फसल नुकसान , आंकलन बाद में
जिले के बेमेतरा , बेरला व नवागढ़ के 20 से अधिक गावों में बाढ़ की स्थिति है।
बाढ़ की वजह से धान का रकबा सबसे अधिक प्रभावित हुई है। जिसका आंकलन हालातों में सुधार आने के बाद किए जाने की जानकारी अधिकारियों द्वारा दी गई है।
जिले में बाढ़ प्रभावित गांव
संडी, खम्मरिया, अमोरा, बावनलाख, करमसेन, बिरमपुर, प्रतापपुर, पचभैय्या, लालपुर, दाढ़ी, बचेड़ी, तबलखोर, सीवर, भिलौरी, बरगांव, बलौदीकला, मुड़पारकला, भरदा, कोटा, देवसरा, खुड़मुढ़ी, लाटा, कुम्हि, भालेसर, कंडरका, बेरलाकला, छिरहा व नवागांव।
गाडामोर, हाफनदी के रौद्र रूप से नदी तट पर बसे ग्राम झांकी, नेवसा,बघुली के लोगो को बड़ा नुकसान हुआ है नेवसा निवासी चोवा राम साहू ने बताया कि नदी किनारे बसे लोगो के घर बाढ़ की पानी से प्रभावित है, नेवसा के किसान विकास साहू ने बताया कि पपीता की फसल तबाह हो गई छत में रात काटना पड़ा, बघुली निवासी सुशील घृतलहरे ने बताया कि निचली बस्ती के लोग छत व छप्पर में रात गुजारे, लकड़ी पैरा बह गया, झांकी में सब्जी की खेती को बड़ा नुकसान हुआ है।
बाढ़ में फंसे दो माह की बच्ची समेत 13 को निकाला
हाफ नदी के तट पर ग्राम मुंगवाय में बाढ़ में फंसे 13 लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित बाहर निकाला एसडीएम प्रवीण तिवारी ने बताया कि इसमे एक दो माह की बच्ची भी शामिल है। बाढ़ में इन लोगों की फसे होने की सूचना पर एसडीएम तिवारी मौके पर पहुँचकर मोर्चा संभाला रखा था।