बस्तर

75 वर्षीय बुजुर्ग ने चांदामेटा कैम्प में फहराया तिरंगा झंडा
16-Aug-2022 9:06 AM
75 वर्षीय बुजुर्ग ने चांदामेटा कैम्प में फहराया तिरंगा झंडा

नक्सल प्रभावित क्षेत्र अडालपारा में 65 वर्षीय बुजुर्ग के हाथों ध्वजारोहण

बस्तर, 15 अगस्त। जगदलपुर, नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाला दरभा अब पूरी तरह से नक्सलियों के चंगुल से आजाद हो गया है। जिसका सबसे बड़ा कारण है कि दरभा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चांदामेटा कैम्प में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटेलपारा के 75 वर्षीय बुजुर्ग के हाथों जवानों ने ध्वजारोहण करवाया। साथ ही नक्सल क्षेत्रों में जहां आज तक केवल नक्सलियों के काले झंडे लहराए जाते थे, वही आज देश का तिरंगा फहराया गया। साथ ही पुलिस अधिकारियों के साथ ही ग्रामीणों ने रैली निकालकर देश की आजादी के महापर्व को बड़ी ही धूमधाम से मनाया, इस महापर्व में शामिल होने वाले गाँव के अधिकतर बुजुर्गों के आखों से आंसू तक झलक पड़े।

आजादी के इस 75 अमृत महोत्सव की सबसे खास बात बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अंदरूनी इलाके चांदामेटा से निकल कर सामने आया, जहाँ 75 वें आजादी वर्ष पर पहली बार लोगों ने चांदामेटा में तिरंगा झंडा फहराया और नक्सली के चंगुल से आजाद होने का जश्न मनाया। बात करे अगर चांदामेटा की तो वर्ष 1947 में अंग्रेजों से आजाद होने के बाद से इस गाँव के ग्रामीणों के द्वारा पिछले कई वर्षों से केवल काला झंडा ही फहराते देखा गया है। लेकिन आजादी के सबसे बड़े महापर्व का जश्न चांदामेटा तक पहूंचने में 75 साल बीत गए, 
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के सीमा से लगे चांदामेटा गांव में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटेलपारा निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग मुड़ा कवासी के द्वारा चांदामेटा कैप में ध्वजारोहण किया, इस दौरान दरभा थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा, डीआरजी प्रभारी खोमराज ठाकुर, सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट राजू बाघ, एसआई रवि बइगा के अलावा पुलिस, सीआरपीएफ के साथ ही गाँव के ग्रामीण भारी संख्या में मौजूद होने के साथ ही कैम्प से ही विशाल रैली निकाल कर स्वतंत्रता दिवस की सुभकामनाये भी दिया।

दरभा थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा ने बताया कि दरभा के इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र चांदामेटा के अलावा अन्य गाँव में किसी समय नक्सलियों का कब्जा हुआ करता था, नक्सली अपने नए नक्सलियों को इसी क्षेत्रों में  ट्रेनिंग देने का काम किया जाता था, जिसे नक्सलियों की राजधानी भी कही जाती है, लेकिन समय के साथ ही शासन - प्रशासन और पुलिस जवानों के द्वारा लगातार नक्सलियों के गढ़ में जाकर नक्सलियों से लोहा लेते हुए उन्हें खदेड़ने के साथ ही उनके टॉप लीडरों को निशाना बनाया, जिसके चलते नक्सलियों के गढ़ में भेद हो गया और नक्सली डर के चलते दरभा से चले गए, जहां नक्सलियों की आहट से ग्रामीणों में डर देखा जाता था, अब वही पुलिस जवानों ने पूरी तरह से यहां पर पैर जमा लिए है, जिसके कारण अब नक्सली यहां आने से भी डर रहे है, जवानों के हौसले के चलते ही 75 वर्ष में पहली बार ग्रामीणों ने बिना किसी डर के यहां पर  पहली बार स्वतंत्रता दिवस के महापर्व को बड़ी ही धूमधाम से गांव वालों ने जवानों के साथ मिलकर मनाया। 

इस महापर्व का जोश कुछ दिनों से देखने को मिल रहा था, लेकिन सोमवार की सुबह गाँव के ग्रामीण घरों से निकाल कर चांदामेटा कैंप के पास जमा हुए, और प्रभातफेरी निकाल कर सभी को बधाई दिया, वही यह पर्व यही नही थमा इस दिन को और अधिक उत्साह के साथ मनाने के लिए दरभा थाना से 50 किमी दूर रस्सी के सहारे नाला को पार करने के बाद अडालपारा पहुँचे, जहां 65 वर्षीय बुजुर्ग मड़कामी सिंगा के द्वारा ध्वजारोहण किया, और भारत माता के जयकारे के नारे लगाए गए। मड़कामी सिंगा का कहना था कि अब तक इस क्षेत्र में केवल हर वर्ष नक्सलियों के काले झंडे ही देखने को मिलते थे, लेकिन पहली बार तिरंगा झंडा को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

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