धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 18 अगस्त। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव के अवसर पर सेनानी गौरव ग्राम खिसोरा के छ: सेनानियों के परिजनों का प्रतीक चिन्ह, शाल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया ।
संगम साहित्य समिति मगरलोड के बैनर तले आयोजित सेनानी सम्मान समारोह में समिति के सदस्य द्वारा सेनानी परिवार के सदस्यों को प्रतीक चिन्ह साल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया । इस दौरान आजादी के लम्हों को संजोने व वर्तमान में आजादी के महत्व पर हुई कार्यशाला में मे सेनानी स्व ताराचंद साहू के नाती हेमंत साहू पूर्व सरपंच खिसोरा ने कहा की हम खिसोरा वासी बहुत ही सौभाग्य शाली है ,कि हमे भी छ: सेनानी की धरती व सेनानी परिवार में जन्म लेने का मौका मिला, इनमें से चार सेनानीयों को मैने भी 20 वर्षो तक देखा व सुना है। इन्हीं लाखो लोगो की बदौलत हमें आजादी मिली है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश में राम राज्य की स्थापना चाहते थे,जिसमे गरीब,मजदूर ,किसान सभी प्राणी सुखी हो। समता समानता व स्वच्छ भारत, नशा मुक्त भारत की परिकल्पना को साकार रूप मिले।
मंच के माध्यम से छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराब बंदी की मांग उठाई गई। सेनानी पुत्र चमन साहू ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए जल जंगल जमीन नदियों के घोर दोहन, खनन, हनन पर चिंता व्यक्त करते इस पर रोक लगाने की मांग की। सरपंच गिरीश साहू ने सिनानियो के सम्मान के लिए संगम साहित्य समिति का आभार व्यक्त किया।
एनआर साहू ने राष्ट्रीय ध्वज की महत्ता पर व्याख्यान दिया । पुनुराम साहू ने खिसोरा के सेनानियों के साथ बिताए दिनों की याद साझा कर उनके इतिहास की जानकारी दी। जेआर साहू, सेनानी पुत्र गैंदलाल, तिलक, डीहूराम पटेल ने भी अपने विचार व्यक्त किया। इस मौके पर वीरेंद्र सरल, नोहरसाहू, श्री मानिकपुरी, गौर मैडम, आत्माराम साहू आदि उपस्थित थे।