रायगढ़

निर्जला व्रत रखकर की संतान की लंबी उम्र की कामना
18-Aug-2022 4:09 PM
निर्जला व्रत रखकर की संतान की लंबी उम्र की कामना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 18 अगस्त।
संतान की लंबी उम्र के लिए बुधवार को माताओं ने कमरछठ का व्रत रखा।
कमरछठ की तैयारी करने सुबह से ही बाजार में खासी भीड़ रही। छह तरह की भाजियां, पसहर चावल, काशी के फूल, महुआ के पत्ते, धान की लाई सहित पूजा की कई छोटी-बड़ी पूजन की सामाग्री भगवान शिव को अर्पित कर संतान के दीर्घायु जीवन की कामना की। रायगढ़ के चांदमारी में पं. तोषन तिवारी  के आवास में खमरछठ सामूहिक पूजा कार्यक्रम किया गया, जिसमें मोहल्ले की महिलाएं शामिल हुईं। पं. तोषन तिवारी ने कमरछठ का सामूहिक पूजा अर्चना करवाया।  

शिव-पार्वती की होती है पूजा
कमरछठ को हलछठ या हलषष्ठी भी कहा जाता है। बिहार में छठ की तर्ज पर इस व्रत को करने वाली माताएं निर्जला रहकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। सगरी बनाकर पूजा-अर्चना की जाती है।
इस वर्ष भी खमरछठ की पूजा के लिए महिलाओं ने गली-मोहल्ले में मिलकर प्रतीकस्वरूप दो सगरी(तालाब) के साथ मिट्टी की नाव बनाई और फूल-पत्तों से सगरी को सजाकर वहां महादेव व पार्वती की पूजा की।
पंडित ने बताया कि यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। बिहार में जिस तरह छठ मईया की पूजा होती है उसी तरह छत्तीसगढ़ में कमरछठ का महत्व है जो संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाता है।

बिना हल चली चीजों का महत्व
छत्तीसगढ़ तरह की भाजियों के लिए प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ में कमरछठ में भी भाजियों का अपना महत्व है। इस व्रत में छह तरह की ऐसी भाजियों का उपयोग किया जाता है। जिसमें हल का उपयोग न किया हो। बाजार में भी लोग अलग-अलग तरह की छह भाजियां लेकर पहुंचे।
 

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