सरगुजा
जल आवर्धन योजना में अनियमितता, पीएम आवास नहीं बनने व वेंडिंग जोन का मुद्दा छाया रहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,18 अगस्त। गुरुवार को नगर निगम की सामान्य सभा हंगामेदार रही। विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर जन सरोकार के मुद्दों पर चर्चा नहीं कराने, वेंडिंग जोन के निर्धारण, अमृत मिशन के तहत बनाए गए उद्यानों के संधारण मरम्मत व 106 करोड़ की जल आवर्धन योजना में अनियमितता को लेकर जमकर हंगामा किया।
विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए। हंगामे के बीच एजेंडों पर चर्चा नहीं हो पाने की स्थिति में बहुमत से 26 एजेंडों को पास किया। इसके साथ ही सदन में विपक्ष के पार्षद को अपने आरोप को सबूत के साथ पेश करने के लिए सभापति ने तीन दिन का समय दिया है। इसके साथ ही शिकायत व तथ्यों की जांच उपरांत दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है।
लगभग 20 मिनट देर से शुरू हुई सामान्य सभा में विपक्ष के नेता प्रबोध मिंज व पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने सत्ता पक्ष पर जन सरोकार के मुद्दों को शामिल नहीं करने का आरोप लगाया। विपक्ष का कहना था कि शहर में पीएम आवास का निर्माण नहीं हो पा रहा है। 106 करोड़ के जल आवर्धन योजना के बाद भी शहर वासियों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही शहर के टीपी नगर व अन्य स्थानों पर कब्जे की होड़ मची हुई है। सरकार जन सरोकार के मुद्दों पर चर्चा कराने से बच रही है।
सभापति अजय अग्रवाल का कहना था कि पहले पहल निगम द्वारा पेश किए गए एजेंडों पर चर्चा करा ली जाए और बाद में नेता प्रतिपक्ष द्वारा दिए गए विषयों पर चर्चा करा ली जाएगी। विपक्ष का कहना था कि जब उन्होंने जन सरोकार के मुद्दों को सामान्य सभा में रखने का प्रस्ताव दिया तो फिर उन्हें एजेंडे में क्यों शामिल नहीं किया गया।
सभापति ने कहा कि एजेंडों पर चर्चा के बाद अतिरिक्त विषय के रूप में चर्चा करा ली जाएगी। सभापति ने कहा कि सामान्य सभा में कौन से विषयों को शामिल करना है, यह निर्णय लेने का अधिकार महापौर का है, जिस पर विपक्ष के पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने आरोप लगाया कि महापौर को जनहित के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है।
हंगामे के बीच महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा कि यदि विपक्ष को सामान्य सभा में लाए गए विषय महत्वपूर्ण नहीं लगते है तो इन्हें सत्ता पक्ष के बहुमत से पास कर दिया जाए और फिर उनके विषयों पर चर्चा की जाए जिसके बाद हंगामा और बढ़ गया।
सभापति ने मामले को संभालते हुए दोनों पक्षों को शांत कराने का प्रयास किया लेकिन अंतत: विपक्ष के हंगामे के बीच सदन में सभी 22 विषयों को रखकर उन्हें सत्तापक्ष के बहुमत से पास किया गया जिसके बाद विपक्ष द्वारा दिए गए मुद्दों को अन्य विषय के रूप में लेकर चर्चा कराई गई।
तीन दिन में आरोप साबित करें, हम करेंगे कार्रवाई-सभापति
आज हंगामे के बाद सत्ता पक्ष ने विपक्ष द्वारा दिए गए विषयों पर चर्चा शुरू कराई गई। चर्चा के दौरान 106 करोड़ के जल आवर्धन योजना के तहत शहरवासियों को पर्याप्त पानी नहीं मिलने व योजना के फेल होने का मुद्दा उठाया गया। इस दौरान विपक्ष के पार्षदों का आरोप था कि ननि क्षेत्र में डीपीआर के अनुरूप कार्य नहीं किया गया। 30 वर्ष पुराने एसीपी पाइप लाइन नहीं बदले गए और कई स्थानों पर डीपीआर से बाहर जाकर कार्य करा दिया गया। ऐसे में महापौर को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। विपक्ष के पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने प्रोजेक्ट बनाने वाली कंपनी, ठेका कंपनी सहित लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि महापौर की मौन सहमति के कारण ही योजना फेल हुई है। इधर सत्ता पक्ष का कहना था कि अमृत मिशन के तहत जल आवर्धन योजना भाजपा शासन काल में बनी और योजना बनाते समय ननि के जनप्रतिनिधियों व सदन से कोई चर्चा नहीं की गई। प्रस्ताव बनाकर ऊपर ही ऊपर कार्य किया गया और ग्लोबल टेंडर जारी कर कार्य दिया गया इस वजह से समस्याएं आ रही है। इन समस्याओं को दूर करने की दिशा में पहल की गई है और अमृत मिशन 2.0 के तहत प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है। महापौर ने कहा कि नए प्रस्ताव को अधिकारी आगामी वर्षों को ध्यान में रखते हुए बनाए।
सत्तापक्ष ने प्रभारी द्वितेन्द्र मिश्रा ने भी माना की एसीपी पाइप लाइन को डीपीआर में डीआई पाइप लाइन मान लिया गया। इन कमियों का समाधान सदन को पक्ष विपक्ष से ऊपर उठकर करना होगा लेकिन विपक्ष अपनी बात पर अड़ा रहा जिसके बाद सभापति अजय अग्रवाल ने मधुसूदन शुक्ला से कहा कि तीन दिन में वे अपने आरोप साबित करें और हम कार्रवाई करेंगे जिसपर उन्होंने कहा कि इससे मेरा लेना देना नहीं है। जिसके बाद सत्ता पक्ष व विपक्ष के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया।
लोनिवि प्रभारी शफी अहमद ने कहा कि जिन स्थानों पर पानी की समस्या है उसे चिन्हांकित कर उसके समाधान की दिशा में पहल की जाए।
नो वेंडिंग जोन पर जमकर हंगामा
आज सामान्य सभा के दौरान शहर में वेंडिंग जोन-नो वेंडिंग जोन को लेकर एक बार फिर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल के दौरान पार्षद आलोक दुबे ने कहा कि शहर में वेंडिंग जोन का निर्धारण 13 सितम्बर 2017 को अंतिम बार किया गया था इसके बाद से शहर का तेजी से विकास हुआ। शहर में अनेकों स्थानों पर नो वेंडिंग जोन में ठेले गुमटी लगाए जा रहे है जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। चौपाटी में शाम को उत्पन्न होने वाली स्थिति के कारण कभी भी रोड रेज जैसी घटना हो सकती है। इसके साथ ही शहर में धार्मिक स्थलों के समीप ठेले गुमटियों में अंडा, बिरयानी, मांस बिक्री हो रही है जिससे कभी भी शहर में कोई बड़ा विवाद हो सकता है। वहीं विपक्षी पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने कहा कि शहर में संचालित ठेले गुमटियों से जमकर अवैध वसूली हो रही है।
सत्ता पक्ष के एमआईसी सदस्य भी एमआईसी की बैठक में इस पर आरोप लगा चुके हंै। उन्होंने ठेले गुमटियों से वसूली पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जिसके बाद इस मुद्दे को लेकर भी जमकर हंगामा हुआ और हंगामे के बीच सभापति अजय अग्रवाल ने 15 दिनों के भीतर वेंडिंग जोन के निर्धारण को लेकर बैठक करने के निर्देश दिए।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग को गंभीरता से लेने की जरूरत
आज बैठक में विपक्ष के पार्षदों ने तेजी से गिरते भूजल स्तर व रेन वाटर हार्वेस्टिंग का मुद्दा उठाया। मधुसूदन शुक्ला ने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए राशि राजसात करने तक ही निगम का कार्य सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि निगम स्वयं ही इसका निर्माण कराए और इस बात का ध्यान रखे कि सभी घरों में इसका पालन हो व सही स्थान पर इसका निर्माण कराया जाए।
सभापति अजय अग्रवाल ने भी माना कि शहर में लोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग के महत्व को समझ नहीं रहे है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अग्रसेन भवन में दो हैडंपंप थे जो काम नहीं करते थे लेकिन रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनने के बाद अब दोनों हैंडपंप पानी दे रहे है।
लोनिवि प्रभारी शफी अहमद ने कहा कि शहर में दो स्थानों पर निगम ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तर्ज पर नालियों का निर्माण कराया और बरसात का पानी अब सीधे नाली में जाकर जमीन को चार्ज कर रहा है। ऐसे में यह प्रयोग सफल रहा और इस दिशा में हमें काम करने की जरूरत है।