दन्तेवाड़ा
एनएमडीसी से सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला, अच्छी शिक्षा का नहीं मिल रहा लाभ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 25 अगस्त। आदिवासी महासभा ने एनएमडीसी पर लाल पानी से प्रभावितों को छलने का आरोप लगाया है। आदिवासी महासभा ने संयुक्त खदान मजदूर संघ भवन में बुधवार को प्रेसवार्ता में संगठन के प्रमुख सुदरू कुुंजाम ने कहा कि कई वर्षों से बैलाडीला की पहाड़ी से एनएमडीसी द्वारा लौह अयस्क खनन का कार्य कर रही है। उत्खनन से आसपास रह रहे ग्रामवासियों के खेती -जमीन लाल पानी, लाल कीचड़, ब्लू डस्ट से प्रदूषित हो रहे हंै।
वर्ष 1984 में कड़मपाल में टेलिंग डेम बनाया गया था, डेम में लाल पानी, कीचड़ जमा होने के कारण उसमें मवेशी की फंस कर मर रहे। वर्ष 1994-1995 में ग्राम पंचायत कड़मपाल के ग्रामीणों द्वारा एनएमडीसी महाप्रबंधक के नाम से इस संबंध में आवेदन दिया गया था, जिस पर सरकारी मूल्य बताकर खरीदी से भी कम दर से मुआवजा दिया गया। जिसके बाद 2010 में किरंदुल में चक्काजाम कर विरोध किया गया था, जिस पर तत्कालीन कलेक्टर रीना कांगले की मध्यस्थता में एनएमडीसी प्रबंधन, जिला प्रशासन व आदिवासी महासभा के बीच ग्रामीणों के स्वास्थ्य, पेयजल, सडक़, बिजली सहित अन्य विकास कार्यों का अनुबंध किया गया था। इसमें मॉडल एकेडमी स्कूल, एलकेजी से लेकर पॉलीटेक्निक तक सर्व सुविधा स्कूल निर्माण, किसानों की बाडिय़ों में तार जाली फेंसिग, खेती समतलीकरण, प्रोजेक्ट अस्पताल में इलाज नहीं होने पर बाहरी इलाज करवाने संजीवनी कोष का गठन, एनएमडीसी द्वारा गोद लिये कड़मपाल गांव के बच्चों को किरंदुल स्कूलों में पढऩे आने-जाने के लिए बस की व्यवस्था व अन्य कार्य अनुबंध में शामिल थे।
सुदंरू कुंजाम ने बताया कि मॉडल एकेडमी स्कूल निर्माण करने की जगह गीदम में एजुकेशन सिटी का निर्माण किया गया और लाल पानी से प्रभावित 58 गांवों के बच्चों को यह स्कूल में पढऩे के लिए जगह नहीं मिल रहा है। प्रशासन की अनदेखी व लापरवाही के कारण यह एजुकेशन सिटी में राजनीतिक रूप से बाहरी बच्चों को भर्ती किया जा रहा है, जबकि स्थानीय बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
इस पर तत्काल कार्रवाई करने 22 अगस्त को जिला प्रशासन को मांग पत्र दिया गया है। जल्द कार्रवाई नहीं होने पर सडक़ पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। कुछ दिन पूर्व ही जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी लाल पानी से प्रभावित गांवों के लोगों को रोजगार देने की मंाग करते हुए बचेली चेकपोस्ट में धरना दिया था।