जान्जगीर-चाम्पा

तीन साल में कुपोषण दर में आई 7.97 प्रतिशत की कमी
27-Aug-2022 2:22 PM
तीन साल में कुपोषण दर में आई 7.97 प्रतिशत की कमी

बच्चों में कुपोषण दूर करने के साथ-साथ अन्य संभावित बीमारियों का भी करें जांच- कलेक्टर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जांजगीर-चांपा, 27 अगस्त।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत प्रदेश और जिला में कुपोषण और एनीमिया दूर करने लगातार कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के दिशा-निर्देशन में महिलाओं और बच्चों के विकास, पोषण स्तर में सुधार और उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से विशेष प्रयास किये जा रहें है। जिसके तहत कलेक्टर द्वारा समय-समय पर आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया जा रहा है तथा आवश्यक निर्देश दिए जा रहें है। कलेक्टर ने जिले में कुपोषण दूर करने स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग को आपसी समन्वय से बेहतर कार्य करने के निर्देश दिए है। उन्होंने गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बेहतर उपचार कराए जाने कहा है। कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने व सुपोषण के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं के सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के फलस्वरूप विगत तीन वर्षों में जिले में कुपोषण के दर में लगभग 8 प्रतिशत की कमी आयी है। कलेक्टर ने बच्चों में कुपोषण दूर करने के साथ-साथ अन्य संभावित बीमारियों का भी नियमित जांच करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से जिले के गंभीर कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य जांच तथा महिलाओं के हीमोग्लोबिन के स्तर का परीक्षण कर एनीमिक महिलाओं की पहचान की जा रही है। जिले के सभी ग्राम पंचायतों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप स्वास्थ्य केन्द्रों में शिविर लगाकर चिकित्सक के परामर्श से नि:शुल्क दवाइंया तथा मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर श्री सिन्हा के निर्देशन में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर निरंतर स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 31 मार्च 2022 तक की स्थिति में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा निर्धारित 15703 भौतिक लक्ष्य के विरूद्ध 6859 बच्चें कुपोषण से मुक्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि फरवरी 2019 में कुपोषण दर 17.08 प्रतिशत, मध्यम कुपोषित बच्चें 13.37 प्रतिशत और गंभीर कुपोषित बच्चें 3.71 प्रतिशत थे तथा विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के पश्चात वर्तमान में मासिक प्रगति प्रतिवेदन जुलाई 2022 के अनुसार कुपोषण दर 9.11 प्रतिशत, मध्यम कुपोषित बच्चें 8.09 प्रतिशत और गंभीर कुपोषित बच्चें 1.02 प्रतिशत हैं। इस प्रकार कुपोषण दर में 7.97 प्रतिशत की कमी आयी है।
कलेक्टर के दिशा-निर्देशन में जिला खनिज संस्थान न्यास मद के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से एक हजार एनीमिक महिलाओं और 6 माह से 3 वर्ष के 14 हजार 500 कुपोषित बच्चों को सप्ताह में 6 दिन गर्म भोजन प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही कुपोषित बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए प्रत्येक सोमवार और गुरूवार को 1 अंडा या 2 केला भी दिया जा रहा है।

जिले के विभिन्न विकासखण्डों में 11 पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित हैं। जिसके माध्यम से पोषण पुनर्वास केन्द्र बम्हनीडीह में 9, पोषण पुनर्वास केन्द्र चांपा में 10, पोषण पुनर्वास केन्द्र अकलतरा में 9, पोषण पुनर्वास केन्द्र बलौदा में 4, पोषण पुनर्वास केन्द्र पामगढ़ में 5, पोषण पुनर्वास केन्द्र खरौद में 5, पोषण पुनर्वास केन्द्र नवागढ़ में 9, पोषण पुनर्वास केन्द्र मालखरौदा में 3, पोषण पुनर्वास केन्द्र डभरा में 8 और पोषण पुनर्वास केन्द्र जांजगीर में 10 गंभीर कुपोषित बच्चों का समुचित उपचार किया जा रहा है। कलेक्टर के निर्देशन में जिले के   सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों और पोषण पुनर्वास केन्द्रों में पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है तथा स्वास्थ्य विभाग से समन्वय करते हुए चिन्हाकित गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भेजा जा रहा हैं।

उल्लेखनीय है कि जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को सुरूचि पूर्ण पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। उनके स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण किया जा रहा है तथा समय पर टीका लगाने के साथ ही उनके सुपोषण के लिए अभिभावकों को उचित परामर्श भी दिए जा रहें है।
 

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