राजनांदगांव
गणेश समितियां अंतिम तैयारियों में जुटे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 अगस्त। सिद्धी विनायक भगवान श्रीगणेश यानी विघ्नहर्ता लंबोदर महाराज बुधवार को विराजेंगे। इसी के साथ ही संस्कारधानी में 11 दिनों तक गणेशोत्सव की धूम रहेगी। गणेश चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्थापित किया जाएगा। शहर के अलग-अलग इलाकों में मूर्तिकार गणेशजी की मूर्तियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसके अलावा आगामी दिनों शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में मूर्तियों की बिक्री भी शुरू होगी। तीन दिन बाद 31 अगस्त को श्रीगणेश चतुर्थी पर्व को लेकर मूर्तिकारों ने भी श्रीगणेश की मूर्तियों को सजा ली है।
वहीं समितियों के पदाधिकारियों ने भी पंडालों और लोग घरों में भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने की तैयारी शुरू कर दी है। गणेश उत्सव के लिए शहर के प्रमुख समितियों की ओर से तैयारी कर ली गई है। शासन के निर्देशानुसार मूर्तियों की बिक्री शुरू हो गई है। आकर्षक एवं अलग-अलग रूपों में भगवान श्रीगणेश की मूर्तियों का लोग दर्शन करेंगे। शुरूआत के एक-दो दिन बाद विसर्जन तक शहर का वातावरण धार्मिकमय हो जाता है। इस बीच बुधवार को विघ्नहर्ता के विराजते ही गणेश पर्व उत्सव का आगाज होगा। विघ्नहर्ता के पंडालों और घरों में विराजित होने के बाद घर-घर लंबोदर महाराज की पूजा-अर्चना से पूरा माहौल भक्तिमय नजर आएगा। गणेश समिति के पदाधिकारी भी पंडालों की सजावट और लाईटिंग को लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं। इधर बच्चे भी घरों में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करने उत्साहित नजर आ रहे हैं।
वहीं गणेश समितियां भी विसर्जन झांकी को लेकर तैयारी में जुट गए हैं। आगामी दिनों गणेश विसर्जन से पूर्व शहर में गणेश विसर्जन झांकी निकालने की तैयारी के लिए समिति के पदाधिकारी जुटे हुए हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण कमजोर पडऩे पर इस बार विसर्जन झांकी निकालने की तैयारी समितियों ने शुरू कर दी है। इधर 31 अगस्त से घरों और पंडालों में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा विराजित होने और पूजा-अर्चना का दौर बने रहने से भक्तिमय माहौल बना रहेगा। 31 अगस्त से ग्यारह दिन तक रात को शहर कृत्रिम रौशनी में जगमग होगा। भगवान श्रीगणेश के दर्शन के लिए पूरे ग्यारह दिन भक्तों की भीड़ सडक़ों पर नजर आएगी। इधर मानसून और बारिश को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के समितियों के पदाधिकारी मूर्तिकारों के पास मूर्ति ले जाने पहुंच रहे हैं। जिले के दूरस्थ इलाकों के ग्रामीण स्थानीय मूर्तिकारों से ही प्रतिमा की खरीदी कर रहे हैं। वहीं भगवान गणेश की मूर्तियों को समितियों द्वारा ले जाने का क्रम बना हुआ है। हालांकि मौसम की मार से बचने अधिकांश समितियां बीते एक-दो दिनों पूर्व ही प्रतिमाओं के ले जा चुके हैं।