सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 27 अगस्त। गणेश चतुर्थी पर्व को चार दिन शेष है। पर्व से पूर्व कलाकार गणेश भगवान की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। वहीं श्रद्धालुओं में गणेश चतुर्थी पर्व बनाने को लेकर उत्साह है। भक्तों ने अपने-अपने तरीके से गणेशोत्सव मनाने के लिए तैयारी में जुट चुके हैं।
मूर्तियों की डिमांड बढ़ गई है। कई श्रद्धालु जो जिला मुख्यालय से दूर है वे भगवान गणेश की मूर्ति खरीदकर ले जा चुके हंै, तो कई खरीदकर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा को 31 अगस्त को खरीदकर स्थापित करेंगे।
इस बार गणेशोत्सव को लेकर कलाकारों ने सुकमा के जगह जगह मूर्ति निर्माण कर पांच से आठ फुट तक की मूर्ति तैयार की है। इसकी कीमत 55 सौ से लेकर 22 हजार तक की मूर्ति तैयार की गई है। पांच फुट, साढ़े पांच फुट, साढ़े सात फुट व आठ फुट की मूर्ति विशेष आकर्षण का केंद्र है।
तीन महीने पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं
मूर्ति का अंतिम रूप दे रहे कलाकार हिडमा मडक़ाम, देवा व राहुल मडक़ाम का कहना है कि गणपति पूजा के तीन माह पहले से ही मूर्तियां बनाने के लिए तैयारी शुरू हो जाती है। उनका कहना है कि आज मूर्ति तैयार करने में लगने वाली सामग्री काफी महंगी हैं। इसकी वजह से मूर्तियों की उचित कीमत चाह के भी हम नहीं पा पाते। मूर्ति को तैयार करने में लाल, पीला, हरा, काला व सफेद रंग का इस्तेमाल किया जाता है। पीओपी, नारियल रस्सी व लकड़ी पैरे का प्रयोग किया जाता है।
विधि विधान से करें भगवान गणेश की पूजा-अर्चना
पंडितों का कहना है कि भाद्रपद शुल्क पक्ष चतुर्थी श्री गणेश प्रकटोत्सव के रूप में मनाया जाता है। 31 अगस्त बुधवार को श्रीगणेश चतुर्थी है। इस दिन विघ्न विनाशक मंगलकारक श्री गणेश जी का विग्रह का स्थापना किया जाएगा।
कन्याओं का वर प्राप्ति के लिए, कर्ज में डूबे लोग कर्ज मुक्ति के लिए जिनका व्यापार नहीं चल रहा, व्यापार बढ़ाने के लिए, शत्रु विनाश, सुख शांति व विद्या प्राप्ति के लिए सर्व कल्याणकारी विघ्नहर्ता विघ्न गणेश का पूजन किया जाता है। भगवान को प्रतिदिन लड्डू का भोग लगाए। न तो चूहों को मारे न ही कष्ट पहुंचाए। श्रीगणेश की 12 नामों का पाठ नित्य करें।