बेमेतरा

पखवाड़ा भर बाद भी नामजद 5 आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं
02-Sep-2022 4:33 PM
पखवाड़ा भर बाद भी नामजद 5 आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं

 ओवरसीज बैंक में 14.50 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला  
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
बेमेतरा, 2 सितंबर।
इंडियन ओवरसीज बैंक से 14 करोड़ 56 लाख की धोखाधड़ी में पखवाड़ा भर बीत जाने के बावजूद नामजद 5 आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पुलिस के हाथ खाली है। उलेखनीय है कि बीते महीनों में सिटी कोतवाली में दर्ज धोखधड़ी मामलों में पुलिस संबंधित आरोपियों को गिरफ्तारी नही कर पाई और आरोपियों को न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई। फरार आरोपियों की महीनों गिरफ्तारी संभव नहीं हो पाई। इस मामले में भी नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नही हुई है और उनके द्वारा अग्रिम जमानत के लिए प्रकरण न्यायलय में प्रस्तुत किया गया है। 

धोखाधड़ी के ज्यादातर मामलों में पुलिस की इस तरह की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।  गौरतलब हो कि इंडियन ओवरसीज बैंक प्रबंधन की ओर से फ्रॉड किये 180 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज करने आवेदन के साथ सूची सौपी गई थी। 
फ्रॉड में रसूखदारों की सलिप्तता 180 लोगों की सूची जारी करने को लेकर बैंक प्रबंधन और पुलिस तैयार नही है। पुलिस के अनुसार मामले की विवेचना जारी है , इसलिए सूची को सार्वजनिक नही किया जा सकता। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैंक फ्रॉड में महिला राजनीतिज्ञ और उसका परिवार , सराफा ब्यापारी , पत्रकार समेत अन्य रसूखदार लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। अब मामला पांच नामजद आरोपियों पर डालकर संबंधित रसूखदार लोग पल्ला झाडऩे में लगे हुए हैं। प्रकरण में तत्कालीन बैंक प्रबंधक नितिन दास , कमलेश सिन्हा , जोहन सिंह वर्मा , नागेश कुमार वर्मा व टीकाराम माथुर पर नामजद एफआईआर दर्ज की गई हैं।


इन मामलों में भी नहीं हुई गिरफ्तारी 
1/- ट्रैक्टर एंजेंसी संचालक पर सिटी कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया, लेकिन सिटी पुलिस संबंधित आरोपी को तीन माह में गिरफ्तार नहीं कर पाई। आरोपी को न्यायालय में अग्रिम जमानत मिल गई।
2/- धान परिवहन के मामले में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया, यहां भी सिटी पुलिस ने महीनों बीत जाने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई। सभी आरोपियों को न्यायालय से जमानत मिल गई।
3/- जमीन खरीदने के मामले में प्रॉपर्टी डीलर पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। सिटी पुलिस इस आरोपी को भी 4 महीने में गिरफ्तार नहीं कर पाई। जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम गठित पुलिस अधीक्षक की ओर से मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की गई है, जिसमे डीएसपी राजेश झा , टीआई प्रेमप्रकाश अवधिया , एएसआई जितेन्द्र कश्यप , प्रधान आरक्षक गोपाल घ्रुव शामिल है।

 

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