बेमेतरा

फूड पार्क के लिए जमीन अधिग्रहण पूरा, ब्लॉकों में एक-एक गांव का चयन
04-Sep-2022 2:19 PM
फूड पार्क के लिए जमीन अधिग्रहण पूरा, ब्लॉकों में एक-एक गांव का चयन

उद्योगपतियों को किया आमंत्रित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 4 सितंबर।
कृषि प्रधान जिला होने के कारण जिले में फूड पार्क के लिए सभी ब्लॉकों में एक-एक गावों का चयन किया गया है। जिले में फूड पार्क के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पूर्ण कर लिया गया है। चिन्हित गांवों में उद्योग विकास की संभावनाओं को देखते हुए उत्साहित उद्योगपतियों को आमंत्रित किया जा रहा है। जिले के बेमेतरा ब्लॉक के ग्राम चंदनु- रवेली , बेरला ब्लॉक के ग्राम सिंगारदिह , नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम आकोली व साजा ब्लॉक के ग्राम राखी में फूड पार्क के लिए स्थल चयन किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला गठन के बाद से ही जिले में फूड प्रोसेसिंग यूनिट प्रारम्भ करने की संभावनाओं को देखते हुए संबंधित उद्योग प्रारम्भ करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिले में बीते 3 साल के दौरान 2019-20 में 62 लघु उद्योग , 2020-21 में 73 उद्योग व 2021-22 में 54 लोगों ने लघु उद्योग प्रारंभ किया है। जिले में सबसे अधिक राइस मिलों की संख्या है , साथ ही वेयर हाउस व दाल मिल भी संचालित किया जा रहा है। जिले में चावल की उत्पादन को देखते हुए राइस ब्रांड आइल यूनिट प्रारंभ करने के लिए संबंधित उद्योपतियों को सूचना जारी किया गया है।

जिले में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अब तक 19 उद्योग प्रारंभ करने के लिए शासन द्वारा उद्योगपतियों से एमयू किया गया है , जिसमें 12 स्पंज आयरन , 5 एथेनाल  , 1 सोलर व स्टार्च उद्योग के लिए है। जिले में सोया प्लांट , शक्कर कारखाना प्रारंभ करने को लेकर मांग उठते रहा है।

जिले में हंै संभावनाएं
उद्योग विभाग के महाप्रबंधक रवीश कुमार ने बताया कि जिला में कृषि आधारित उद्योग की काफी संभावनाएं हैं। डेयरी एवं फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए शासन द्वारा सब्सिडी का भी प्रावधान है। प्रदेश सरकार द्वारा नई उद्योगनीति बेमेतरा जिले के ग्राम चंदनु में कृषि अधारित उद्योग के लिए लगभग 215 एकड़ जमीन चिन्हाकित की गई है। वही सिंगारडीह में 16 हैक्टर व रखी में 30 हैक्टर रकबा में फूड पार्क बनाया जाएगा। उद्योपति राहुल अग्रवाल ने बताया कि जिले में फूड पार्क के लिए काफी संभावना है। शासन की नीति प्रोत्साहित करने वाली है। किसान आशीष मिश्रा ने बताया कि जिले की अर्थब्यवस्था पूरी तरह से कास्तकारी से जुड़ा हुआ है जिसके कारण उपज से जुड़े लघु उद्योग यहां पर सरलतापूर्वक संचालित किया जा सकता है।
 

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