बेमेतरा

सलाम उन शिक्षकों को जिन्होंने सेवा, श्रम, दान और हुनर से गौरव बढ़ाया
06-Sep-2022 3:03 PM
सलाम उन शिक्षकों को जिन्होंने सेवा, श्रम, दान और हुनर से गौरव बढ़ाया

स्कूल की दशा, छात्रों के हुनर को निखारा

आशीष मिश्रा

बेमेतरा, 6 सितंबर। माता-पितां और गुरु को साक्षात देव माना गया है, वर्तमान में गुणवान गुरु कम लोगो के भाग्य में है, जिनके भाग्य में उनमें से एक है नवागढ़ ब्लाक। जहाँ विषम परिस्थितियों  में छात्र हित के लिए सबकुछ देने को गुरुजन तैयार है। कुछ तो इतने त्यागी की मामूली पगार में असाधारण कार्य कर जंहा विभाग ने कहा वहाँ यह कहकर चले गए कि मजदूर हूँ, मजबूर नही।

नवागढ़ ब्लाक में प्राथमिक शाला मगरघटा का नाम आते ही बैस दम्पती की तस्वीर लोग याद करते है। यंहा पर पदस्थ राधेश्याम सिंह बैस, शीतल बैस पति- पत्नी की कुंडली जिस ने मिलाई है, उनका पूरा ब्लाक आभारी है। शिक्षा में नवाचार को बैस-दम्पती ने सच करके दिखा दिया। गीत ,कविता, क्या पढ़े कैसे पढ़े , उन तमाम विधाओं में दोनो को वह महारत हासिल की कोरोना संकट में छात्रो का साथ नही छोड़े। इस युगल की कविता-कहानी की गूंज विभागीय प्रशिक्षण में गूंजती है।

संबलपुर नांदघाट मार्ग में अमोरा प्राथमिक स्कूल उन भाग्यशाली स्कूलो में सुमार है जंहा के शिक्षक स्कूल की तस्वीर व छात्रो की तकदीर बदलने में सफल है। मिडिल स्कूल में पदस्थ समता सोनी अपने पेशे में इतनी कर्तव्यनिष्ठ समय का हर पल छात्र हित को समर्पित कर दिया है। कोरोना के दौर में जब लोग घरों में कैद थे तब समता ने क्षमता का भरपूर उपयोग कर अध्यापन कराया। पठन लेखन व प्रस्तुति में छात्र सफल है। प्राथमिक शाला के शिक्षक रेवा राम साहू जिन्होनें 25 हजार रुपए का प्रिंटर स्कूल को देकर छात्रो को आधुनिक शिक्षा के लिए तैयार किया। नवाचारी शिक्षा पढ़ई तुहर द्वार, नवाजतन, उपचारात्मक शिक्षा ,ऑनलाइन क्लास जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर सक्रिय भूमिका अदा की। रेवाराम के अनुभव का लाभ आज पूरे ब्लाक को मिल रहा है।इसी स्कूल के शिक्षक श्याम कुमारसोनी ने नवाचारी शिक्षण में विशेष योगदान देकर विद्यालय का गौरव बढ़ाया है।

मॉडल स्कूल से कम नही अतरगंवा का स्कूल
नवागढ़ से मुंगेली मार्ग में ब्लाक का सीमांत ग्राम अतरगंवा का प्राथमिक स्कूल यह शिक्षा देता है कि लगन के सामने संसाधन बौना हो जाता है। स्कूली बच्चों के स्तर में सुधार के लिए पालकों के दरवाजे जाकर यहां के शिक्षकों ने पढ़ाई के स्तर में यह सुधार लाया की आज अतरगंवा के पांचवी का छात्र अन्य स्कूलों के मुकाबले बहुत आगे है। शिक्षक कुमार वर्मा व उनकी टीम ने पूरे ब्लाक में स्कूल की स्थिति को बेहतर रखा है। प्राथमिक स्कूल लोहड़गिया के शिक्षक अशोक कुमार साहू, गाडामोर के शिक्षक राघवेंद्र झा, ने अपने संस्था को सब कुछ समर्पित कर सवारने का काम किया है। मिडिल स्कूल बेवरा के शिक्षक सेवक राम वर्मा ने कबड्डी के कई होनहार खिलाड़ी दिए वर्मा ने स्वयं के व्यय पर सीसी कैमरा विद्यालय में लगाया। प्राथमिक शाला नवागांव के शिक्षक तुलसी राम वर्मा ने योगाभ्यास में विशेष योगदान दिया है।

जंहा चाह वँहा राह
जब संत मन्दिर बना सकते है तो शिक्षक स्कूल क्यो नही। अमोरा स्कूल के शिक्षक दिनेश कुमार सोनी, समता सोनी, भोजसिंह वर्मा, रेवा राम साहू, ओमनारायण वर्मा, श्याम कुमार सोनी ने पालकों, शाला प्रबंधन समिति व ग्रामीणों से समन्वय बनाकर, एक अध्यापन कक्ष की ढलाई कराकर उसे रंग-रोगन कर तैयार किया। कुछ यही कार्य लालपुर के शिक्षकों ने किया।अमलडीहा के शिक्षक शिव कुमार साहू, धनीराम साहू, कृष्ण कुमार साहू ने स्वच्छता रखरखाव व प्रबंधन का वह नमूना पेश किया है कि स्कूल पहुंचते ही लोग कहते है क्या ऐसा भी सरकारी स्कूल है। प्राथमिक शाला मरदही के शिक्षक रोहित कुमार विश्वकर्मा, झिलगा के शिक्षक संतोष दास मानिकपुरी,जैतपुरी के शिक्षक अनूप वर्मा के हाथ कलम ही कुंची में सधे हुए है इनकी पेंटिंग कला से ब्लाक के कई स्कूल गुलजार है।

महेश कुमार साहू कन्या मिडिल स्कूल नवागढ़, बली राम ध्रुव प्राथमिक शाला धोराभाठ कला, उत्तम कुमार देवांगन तोहड़ी, परमेश्वर साहू मुरता, रामकुमार साहू बहरबोड , आशीष कुमार बैष्णव नगधा ए वे शिक्षक है जिनके गीत संगीत पर ब्लाक को नाज है। महेश साहू को यह शिक्षा विरासत में मिली है स्कूल ही अन्य सार्वजनिक आयोजन में इन शिक्षकों की आवाज साज के साथ सुनाई पड़ती है।

गाँव की बदल दी तस्वीर
रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाइवे  में नांदघाट टेमरी के बीच एक गांव है खैरा इस गाँव को कोई पन्द्रह वर्ष शिक्षक के रूप में एक खरा सोना दुष्यंत राम मेरिया के रूप में मिला,इनकी दिनचर्या किसी तपस्वी से कम नही।
सुबह उठकर स्कूल की सफाई तालाब पहुंचकर पचरी की सफाई लोगो द्वारा दातून कर फेंके गए टुकड़े को एकत्र कर जलाना, स्वच्छता अभियान के पहले स्वच्छता की अलख जगाने वाले मेरिया ने स्कूल को वह स्वरूप दिया है कि देखकर नही लगता कि कोई सरकारी भवन है। बालोद जिले के मूल निवासी मेरिया ने गौठान के बीच स्थित स्कूल भवन को जो हरियाली दी है इसे इस गाँव की पीढ़ी वर्षों तक याद करेगी। कुछ माह पूर्व वे पदोन्नत होकर साजा विधानसभा में चले गए है पर उनका कार्य गांव में बोल रहा है।

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