कोरिया

जिला मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर चिरमिरी में अनशन
07-Sep-2022 2:22 PM
जिला मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर चिरमिरी में अनशन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 7 सितंबर।
नव सृजित जिले का उद्घाटन के पूर्व चिरिमरी जिला मुख्यालय बनाओं संघर्ष समिति द्वारा प्रेस वार्ता आयोजित कर कड़े कदम उठाये जाने की सूचना देते हुए आज से आमरण अनशन भी मॉगों के समर्थन में शुरू कर दिया है। साथ ही नये जिले एमसीबी का उद्घाटन होने पर चिरमिरी बंद व काला दिवस मनाने का भी आव्हान किया गया।

जानकारी के अनुसार चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओं संघर्ष समिति  द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के द्वारा चिरमिरी  के प्रति उपेक्षित रवैये को लेकर कड़ा कदम उठाये की जरूरत पड़ी।  
प्रेस वार्ता में बताया गया कि चिरमिरी के हित में व चिरमिरी के  अस्तित्व को बचाने के लिए शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के द्वारा समय रहते सही कदम न उठाने पर उनका आंदोलन समाप्त नहीं होगा बल्कि किसी न किसी रूप में निरंतर जारी रहेगा। साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि यहां आगामी चुनाव का बहिष्कार नही किया जायेगा बल्कि चिरमिरी खडगवां मिलकर चुनाव प्रभावित करके अपनी शक्ति दिखायेंगे। इस विषय पर समिति का मामना है कि कोरिया जिले का असामान्य विभाजन  व शहरों के सम्मान की अनदेखी कोरिया की तीनों विधानसभा प्रभावित कर सकती है। इस संदर्भ में हमारा विरोध मनेंद्रगढ़ से नही है लेकिन मनेंद्रगढ विधानसभा के एक लाख वोटों की उपेक्षा कर मात्र 35 हजार वोटों को संतुष्ट कर  प्राथमिकता देना चिरमिरी खडगवां की उपेक्षा है।

शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने आप में प्रमाणित होता जा रहा है कि चिरमिरी संघर्ष समिति के सदस्यों ने बताया कि यह पिछले एक साल से शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के पास ज्ञापन व मुलाकात करके अस्तित्व से संघर्ष  कर रहे चिरमिरी को बचाने की गुहार लगाते रहे जिसमें की नवीन जिले का जिला मुख्यालय व शासकीय कार्यालयों की स्थापना  अहम भूमिका निभा सकती थी। निगम का दर्जा प्राप्त होने के बाद भी चिरमिरी की उपेक्षा साजिश के तहत  सभी राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही है और वर्तमान में यह निरंतर जारी है जिससे  संघर्ष समिति द्वारा 8 सितंबर से आमरण अनशन  चालू किया जायेगा वही  9 सितंबर को चिरमिरी बंद के आव्हान के साथ साथ काला दिवस मनाने की अपील की गयी है।  समिति के सदस्यों का कहना था  कि मुख्यमंत्री की इच्छा अनुसार आपसी सहमति  से दोनों शहरों के बीच मान सम्मान का रास्ता अपनारा चाहते है जिसके लिए उन्होने जनप्रतिनिधियों के साथ  प्रशासन के अधिकारियों से भी मुलाकात की लेकिन इस दिशा में सार्थक पहल ना होने से अब कडे कदम उठाने के लिए मजबूर हुए है।  अपने चुनावी घोषणा पत्र में किये गये वादे कि नये जिले का मुख्यालय  मनेंद्रगढ साजापहाड चिरमिरी मार्ग पर ही बनाया जायेगा इसका भी पालन न करके जनता को धोखा दिया है। आयोजित प्रेस वार्ता में समिति के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे।
 

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