बेमेतरा
छत्तीसगढ़ संवादाता
बेमेतरा, 7 सितंबर। प्रदेश के आदिम जाति तथा अनुसुचित जाति विकास विभाग द्वारा अस्पृश्यता निवारण हेतु अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना संचालित की जा रही है। योजना नियम 19778 के तहत विवाह करने वाले दम्पत्ति को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बेमेतरा ने बताया कि जिले के 3 दम्पत्ति को संयुक्त रूप से ढ़ाई-ढ़ाई लाख रूपए के मान से 7 लाख 50 हजार रु. स्वीकृत किये गये है। इनमें योगेश्वर डौंडे पिता नारद डौंडे ग्राम महीदही , एवं मनीषा वर्मा, दुर्गेश कुमार सिन्हा पिता रामदयाल सिन्हा जिला दुर्ग एवं मणिमुक्ता पाटिल , सोनू बंजारे पिता रामदास बंजारे ग्राम बावामोहतरा एवं रोशनी साहू इन सभी दम्पत्तियों को अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत ढ़ाई-ढ़ाई लाख रूपए के मान से कुल 7 लाख 50 हजार रु. स्वीकृत किया गया है।
ज्ञातव्य हो कि समाज में जाति, पाति, ऊंच-नीच के आधार पर अनुसूचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार को समाप्त करने के उद्देश्य से नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम-1955 में अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का प्रावधान किया गया है। कानून द्वारा विवाह हेतु निर्धारित न्यूनतम आयु प्राप्त अनुसूचित जाति के लडक़े अथवा लडक़ी द्वारा सामान्य वर्ग संवर्ण के लडक़ी अथवा लडक़े से विवाह करने पर हितग्राही की पात्रता होगी। योजना के तहत संवर्ण लडक़े अथवा लडक़ी के द्वारा अनुसूचित जाति की लडक़ी अथवा लडक़े से अंतर्जातीय विवाह के साहसिक कार्य हेतु वर्तमान में प्रति जोड़ा ढ़ाई लाख रूपए एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाने का प्रावधान हैै। ज्ञात हो कि प्रदेश के आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत कानून द्वारा विवाह हेतु निर्धारित न्युनतम आयु प्राप्त अनुसूचित जाति के लडक़े अथवा लडक़ी द्वारा सामान्य वर्ग (सवर्ण) के लडक़ी अथवा लडक़े से विवाह करने पर इस योजना का लाभ दिया जाता है।