राजनांदगांव

बार्डर के ढाबों में दो करोड़ का सालाना अवैध शराब का कारोबार
09-Sep-2022 3:08 PM
बार्डर के ढाबों में दो करोड़ का सालाना अवैध शराब का कारोबार

महाराष्ट्र की शराब बेचने में तस्करों का संगठित हुआ व्यापार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 सितंबर।
नेशनल हाईवे में चल रहे ढ़ाबों में अवैध शराब की बढ़ती खेप पर अफसरशाही की कथित ढ़ील से संगठित व्यापार का रूप ले रही है। बाघनदी और चिचोला के बीच दर्जनभर ढ़ाबों में जमे तस्कर महाराष्ट्र की शराब को अफसरों की शह पर धड़ल्ले से बेच रहे हैं।

एक जानकारी के मुताबिक सालाना अवैध शराब का कारोबार दो करोड़ रुपए से पार हो चुका है, यानी छत्तीसगढ़ सरकार के राजकोष को तस्करों ने जबर्दस्त नुकसान पहुंचाया है। इसकी परवाह किए बगैर आबकारी और पुलिस महकमा तस्करों पर नकेल कसने के लिए सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। यानी मामूली तस्करों पर कार्रवाई कर पुलिस वाहवाही बटोर रही है। असलियत में बड़े तस्कर रोड किनारे चल रहे ढ़ाबों में खुलकर लोगों को  मनमाफिक कीमत पर शराब की बोतलें परोस रहे हैं।  ढाबे एक तरह से शराब खपाने का एक स्थाई ठिया बन गया है। खानपान के आड़ में ढ़ाबा में मौजूद तस्करों के लठैत लोगों को शराब बेच रहे हैं।

बताया जा रहा है कि तस्करों के साथ ढ़ाबा संचालकों की भी सांठगांठ है। यानी पूरा मामला कमीशन से जुड़ा हुआ है। महाराष्ट्र से प्रतिदिन दर्जनों पेटियों को ढ़ाबों में खपाया जा रहा है। इस तरह दिन-ब-दिन शराब का कारोबार अवैध रूप से आसपास के इलाकों में फैलने लगा है।

बताया जा रहा है कि आबकारी महकमे के साथ पुलिस भी पूरे मामले से बखूबी वाकिफ है। यही कारण है कि तस्कर मनमाफिक तरीके से अवैध शराब के कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि पिछले दो-तीन सालों में अवैध शराब का व्यवसाय फल-फूल रहा है। हर साल 2 करोड़ से अधिक की अवैध शराब बाघनदी के सरहदी इलाकों में आसानी से खप रही है। आबकारी अमला इलाके में मौन साधे हुए हैं। वहीं पुलिस भी तस्करों पर कार्रवाई करने से दूर खड़ी है। चिचोला और बाघनदी के बीच ढ़ाबों की लंबी कतार है, इसलिए शराब तस्करों को आसानी से कारोबार के लिए ठिकाना मिल रहा है। महाराष्ट्र के शराब के अलावा तस्करों ने नशीली वस्तुओं की भी बिक्री शुरू कर दी है। यह तय है कि बाघनदी इलाके के युवा पीढ़ी तस्करों के जाल में फंस रही है। नेशनल हाईवे में दौड़ रही ट्रकों के मालिकों के अलावा ग्रामीण भी शराब का सेवन कर रहे हैं।

कुल मिलाकर लगातार अवैध शराब के कारोबार से तस्कर जमकर चांदी काट रहे हैं। वहीं अफसरों के साथ मिलीभगत से यह व्यापार संगठित रूप लेने लगा है। बहरहाल ढ़ाबों में चल रहे इस गोरखधंधे से राज्य सरकार के खाते में जाने वाली राजस्व तस्करों के जेब में जा रही है। ऐसे में प्रशासनिक अफसर सरकार के कोष के साथ छवि को भी दागदार कर रहे हैं।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news