राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 सितंबर। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर जिला स्तरीय कार्यक्रम एवं साक्षरता सप्ताह का शुभारंभ जिला पंचायत सभाकक्ष राजनांदगांव में किया गया। साक्षरता सप्ताह के अंतर्गत 8 से 14 सितंबर तक विभिन्न ग्राम पंचायतों में साक्षरता, सतत् शिक्षा, कौशल विकास, स्वच्छता, चुनावी साक्षरता, विधिक साक्षरता, वित्तीय साक्षरता सहित शासन की महत्वपूर्ण योजना का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत गजेंद्र सिंह ठाकुर नेे कहा कि साक्षरता के क्षेत्र में जिले में उत्कृष्ट कार्य हुए हैं। डिजिटल साक्षरता, ई-सामथ्र्य, स्वास्थ्य संबंधी साक्षरता, कौशल विकास, चुनावी साक्षरता, वित्तीय साक्षरता पर कार्य हुए है। आज के समय में हर नागरिक को डिजिटल साक्षर होना आवश्यक है। आरएल ठाकुर ने स्वयंसेवी शिक्षकों से ग्रामीणजनों को निरंतर साक्षरता से जोड़े रखने की बात कही। जिससे जीवन में आने वाली कठिनाईयों का सामना कर सकें। जिला परियोजना अधिकारी जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण रश्मि सिंह, पीसी मरकले, नितिन हिरवानी ने भी अपने-अपने विचार रखे। इस अवसर पर सतीश ब्यौहरे, एचडी कोसरे, पीआर झाड़े, रफीक अंसारी, केपी विश्वकर्मा, प्रणीता शर्मा, मनोज मरकाम समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन मनोज मरकाम एवं आभार प्रदर्शन सतीश ब्यौहरे द्वारा किया गया।
साक्षरता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान
इस आयोजन में साक्षरता के क्षेत्र में स्वस्फूर्त जुडक़र कार्य करने वाले सभी स्वयंसेवी शिक्षकों को सम्मानित किया गया। स्वयंसेवी शिक्षकों में आरती सोनवानी, नीतू प्रजापति, देविका प्रजापति, रेणुका पटेल, दुर्गा देवांगन, संतोषी देवांगन को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में नवसाक्षरों का भी सम्मान किया गया। जिसमें नेमबाई, सुमित्रा बाई, सावित्रीबाई, प्रेमाबाई निषाद, सोनीबाई, गणेशाबाई, प्रेमबती को कापी, पुस्तक, पेन, भेंट कर सम्मानित किया गया।
निकाली गई साक्षरता रैली
जिला पंचायत सभाकक्ष के आयोजन उपरांत कार्यक्रम में उपस्थितजनों ने साक्षरता रैली निकाली। यह रैली पूरे जिला कार्यालय परिसर का भ्रमण करते कलेक्ट्रेट में महात्मा गांधी प्रतिमा पर आकर संपन्न हुई। रैली में साक्षरता शिक्षा को प्रेरित करने वाले नारों का उद्घोष किया गया और जिला कार्यालय एवं न्यायालय परिसर में आए आमजनों को साक्षरता शिक्षा का संदेश दिया गया ।