राजनांदगांव

झांकियों में छत्तीसगढ़ महतारी, गेड़ी नृत्य और गांधी-बाल गंगाधर तिलक के गणेश उत्सव पर्व के इतिहास की झलक
10-Sep-2022 4:46 PM
झांकियों में छत्तीसगढ़ महतारी, गेड़ी नृत्य और गांधी-बाल गंगाधर तिलक के गणेश उत्सव पर्व के इतिहास की झलक

नांदगांव में दो साल बाद निकली झांकी की एक झलक देखने उमड़ा जनसैलाब

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 सितंबर।
संस्कारधानी राजनांदगांव में निकली झांकियों की एक झलक पाने के लिए शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। एक जनसैलाब का शक्ल लेकर हजारों की भीड़ शहर के हर रास्तों और चौराहों पर रातभर जमी रही।

परंपरागत अनुरूप निकली झांकियों में अलौकिक गाथाओं के अलावा देश की आजादी के नेतृत्वकर्ताओं की व्यक्तित्व छाप नजर आई। साथ ही छत्तीसगढ़ी संस्कृति से जुड़ी झांकियों को लोगों ने खूब पसंद किया। पुलिस की तगड़ी सुरक्षा में निकली झांकियों ने मनमोहक प्रस्तुति के जरिये हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा। करीब दो साल बाद निकली विसर्जन झांकी का हुजूम देखने लायक था। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से तकरीबन 50 से ज्यादा झांकियों ने रातभर लोगों का मनोरंजन किया। भक्तों का ध्यान खींचने के लिए कई झांकियों में देवी-देवताओं की शक्तियों से जुड़ी किस्सों को दर्शाया गया।

शहर के निर्धारित रूट पर शुक्रवार शाम ढलते ही लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया। स्थानीय व्यापारिक प्रतिष्ठानों के प्लेटफार्म में लोग जुटने लगे। झांकियों को देखने के लिए न सिर्फ युवा, बल्कि महिलाओं का भी उत्साह चरम पर रहा। रतजगा करते हुए युवा टोली ने झांकियों के सामने जमकर अपना उत्साह जाहिर किया। डीजे की धुन पर युवा खूब थिरके।

डीजे की आवाज से रातभर धमक लोगों को सुनाई दी। भक्तिमय गीतों के अलावा फिल्मी गीतों में भी युवाओं की टोली रातभर झुमती रही। इस बीच छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा और गेड़ी नृत्य की झांकी देखकर लोगों को छत्तीसगढ़ी संस्कृति का महत्व बताया गया। झांकी के माध्यम से प्रदेश की विलुप्त होती लोक नृत्यों के प्रति जागरूकता का संदेश दिया गया। राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा की महत्ता भी झांकी में दर्शायी गई। जिसमें छत्तीसगढ़ की महतारी हाथ में धान की बालियां लिए नजर आई।
 इसी तरह देश की आजादी के महान सपूतों महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, भगत सिंह समेत अन्य वीरों एक झांकी भी शहर में आकर्षण का केंद्र रही। जिसमें स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल वीरों के योगदान को भी दर्शाया गया। आजादी की लड़ाई के दौरान बालगंगाधर तिलक ने ही गणेश पर्व की शुरूआत की थी। इधर शिव की बारात की कहानियां भी झांकी में नजर आई। जिसमें भगवान शिव माता पार्वती से विवाह करने के लिए बारात लेकर   जाते दिखाया गया है। बारात में भूत-प्रेतों और देवगणों की टोलियां भी चित्रित की गई। इधर अलग-अलग समितियों द्वारा बनाए गए झांकियों में भी मनमोहक प्रस्तुति रही। शहर के हर रास्तों में लोगों की चहल-पहल नजर आई।

पुलिस की मुस्तैदी से कहीं भी अप्रिय घटना नहीं
विसर्जन झांकी के दौरान इस साल पुलिस की तगड़ी बंदोबस्त रही। लिहाजा शहर में अप्रिय वारदात  नहीं हुई। पुलिस की मोर्चाबंदी की जमकर सराहना हो रही है। एसपी प्रफुल्ल ठाकुर की अगुवाई में रातभर  समूचे शहर में जवान तैनात रहे। पुलिस महकमे ने इस साल किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए योजनबाद्ध ढंग से मोर्चा सम्हाला था। आमतौर पर विसर्जन झांकी में विवाद होने से हिंसक घटनाएं होती रही है। पूर्व में चाकूबाजी और हत्याएं जैसी भी घटनाएं घटित हो चुकी है। शहर के गली-मोहल्लों में पुलिस ने सख्त पहरा बिठा दिया था। शाम ढ़लते ही पुलिस ने समूचे शहर की सुरक्षा की कमान सम्हाल ली थी। नतीजतन पुलिस की सख्ती के सामने आपराधियों की नहीं चली। डीआईजी गर्ग ने भी व्यवस्था को लेकर ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए थे। एसपी स्वयं मोर्चा सम्हाले हुए थे। एएसपी संजय महादेवा व सीएसपी गौरव राय संग थानेदारों ने भी जमकर मेहनत की। राजनांदगांव शहर में शांतिपूर्वक विसर्जन झांकी होने से पुलिस की सशक्त पकड़ का आभास लोगों को हुआ।

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