कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
चिरमिरी (कोरिया), 11 सितंबर। वन मण्डल बैकुंठपुर की लापरवाही के कारण इन दिनों मनेन्द्रगढ़ अम्बिकापुर नेशनल हाइवे मौत का रास्ता बन गया है ।
ज्ञात हो कि इस नेशनल हाइवे के निर्माण के समय सडक़ का चौड़ीकरण करने के लिए नगर और चर्चा के बीच पहाड़पारा में पहाड़ को काटा गया था। जिसके बाद पहाड़ पर लगे कई बड़े पेड़ों के जड़ कट गए और ये पेड़ अधर में लटक रहे हैं। वन मण्डल बैकुंठपुर की लापरवाही के कारण यहां अब तक कोई बॉउंड्रीवाल नहीं बन सका है, जिसके कारण ये बड़े पेड़ कभी भी गिर सकते हैं।
ज्ञात हो कि मनेन्द्रगढ़ अम्बिकापुर नेशनल हाइवे में 24 घण्टे छोटी बड़ी गाडिय़ां चलती हैं। ऐसे में किसी बड़े पेड़ के गिरने से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बैकुंठपुर से पहाड़ पारा की दूरी मात्र 15 किलोमीटर है। ऐसे में बैकुंठपुर वन मण्डल के किसी अधिकारी की नजर इस पर अब तक कैसे नही पड़ी ? यह आश्चर्य का विषय है।
यह भी ज्ञात हो कि इस तरह के कार्यों के लिए वन विभाग को हर साल शासन से करोड़ो रूपये आबंटित होते हैं, लेकिन वन विभाग के अधिकारी कागजों में ही खानापूर्ति कर ज्यादातर राशि डकार जाते हैं। स्थानीय नागरिकों ने वन विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द पहाड़पारा में जड़ छोड़ चुके पेड़ों को हटाए तथा यहां बाउंड्रीवाल बनवाये ताकि किसी भी बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके ।