राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 13 सितंबर। प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शालाओं में मध्यानह भोजन का संचालन करने वाले रसोईया कलेक्टर दर पर मानदेय की मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलनरत हैं। ब्लॉक के 300 से अधिक रसोईयों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से स्कूलों में मध्यानह भोजन संचालन की व्यवस्था पटरी से उतर गई है। रसोईयों का कहना है कि हर माह मात्र 1500 रुपए के मानदेय से काम कर पाना मुश्किल है। उनका आरोप है कि छग शासन उनके साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि वे दिनभर स्कूल में बच्चों के लिए भोजन बनाते हैं और खाना बांटते हैं। इसके अलावा बर्तन की साफ-सफाई करते हैं। उन्हें एक दिन की रोजी मात्र 50 रुपए मिलता है। ऐसे में वे अपना परिवार भी नहीं चला पा रहे हैं।
छग मध्यान्ह भोजन स्कूल रसोईया कल्याण संघ के ब्लाक अध्यक्ष सावित्री मंडावी, सचिव चतुर सिंह यादव, कांती यादव, छगनलाल तारम, प्रमिलाबाई, हसीना बेगम, कौशल्या सिन्हा, ओमेश्वरी वर्मा, आरती मानिकपुरी, ज्योती यादव, सविता तारम, गंगासागर, सुलोचना, तिलोबाई, मधु यादव, सरिता विश्वकर्मा, सविता केसरिया आदि ने बताया कि 5 सितंबर से कलेक्टर दर में मानदेय की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। रसोईया संघ ने बताया कि वे 5 से 7 सितंबर तक रायपुर में हड़ताल पर थे और राजधानी से लौटकर 8 सितंबर से ब्लाक मुख्यालय में आंदोलनरत हैं। रसोईया संघ ने बताया कि उन्होंने हड़ताल में जाने से पूर्व अपनी मांगों को छग शासन के समक्ष रखा था और शासन, प्रशासन को मांगे पूरी करने के लिए एक माह का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन उनकी मांगे को पूरी नहीं की गई है, इसलिए उन्हें आंदोलन के लिए सडक़ पर आना पड़ा।
मध्यान्ह भोजन संचालन ठप
एक सप्ताह से जारी रसोईयों के हड़ताल से ब्लॉक के आधे से ज्यादा प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन का संचालन ठप हो गया है। स्कूल शिक्षा विभाग रसोईयों के हड़ताल को देखते स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के संचालन के लिए गांवों में काम कर रही स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से सहयोग ले रही है, लेकिन महिला समूह भी अधिंकाश जगह काम करने को तैयार नहीं है। इससे शालाओं में मध्यानह भोजन का काम ठप हो गया है। बीईओ एसके धीवर ने कहा कि रसोईयों के हड़ताल से स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था प्रभावित हुई है। ग्रामीणों एवं महिला समूहों से सहयोग लेकर ब्लॉक में मध्यान्ह भोजन का संचालन कराया जा रहा है।