सुकमा

शिक्षकों की कमी, अभिभावकों का धरना-प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
14-Sep-2022 9:07 PM
शिक्षकों की कमी, अभिभावकों का धरना-प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 14 सितंबर।
आज जिले के गादीरास तहसील के सामने स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक न होने से नाराज अभिभावकों ने धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद कलेक्टर ने नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक-06 गादीरास के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गोंडेरास, गोंदपल्ली, बड़ेसटूटी, बोडक़ो, कोंडरे, गुफड़ी, मानकापाल, पोरदेम, मारोकी, चिंगावरम, डोडपाल, कोर्रा, सोनाकुकानार, नागास, रामपुरम, नीलावरम, गादीरास आदि हंै।

आज भी जनजातीय बच्चे शिक्षा से कोसों दूर- रामा शोडी
जिला पंचायत सदस्य रामा शोडी ने शिक्षा की अव्यवस्थाओं पर जिम्मेदारों की निंदा करते हुए कहा कि इन पंचायतों के अंतर्गत आने वाले स्कूल, आश्रमों में पर्याप्त शिक्षक नहीं है। शासन-प्रशासन से छात्रों व पालकों के द्वारा समस्याओं से अवगत कराने के बावजूद भी शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की जा रही है। इस जिले में हजारों रिक्त पद हंै, भर्ती कर पूर्ण किया जा सकता है। लेकिन अब तक भर्ती नहीं हुई, बल्कि बस्तर संभाग के सुकमा जिला पाँचवी अनुसूची क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।

पेशा कानून नियम वर्तमान में लागू है। ऐसे क्षेत्रों में स्थानीय बेरोजगारों को भर्ती किये जाने का प्रावधान है। शासन-प्रशासन की उदासीनता से हमारा अनुरोध भी प्रभावहीन हो रही है।

सभी पंचायतों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों की कमी व शिक्षक नहीं होने से कई शिक्षण संस्थाएं बंद होने की कगार पर हैं, वहीं स्थानीय बेरोजगारों को शिक्षक भर्ती कर जिसे जिम्मेदारों के द्वारा बचाया जा सकता हैं।

आगे उन्होंने कहा कि चपरासी के भरोसे संस्था संचालित है। बड़ी विडंबना है कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, जनजाति बच्चों को पूर्ण रूप से शिक्षा देने में सरकार प्रशासन गंभीर नहीं है। कई शिक्षण संस्थाओं के भवन जर्जर है या तो भवन विहिन है। समाज के विकास और देश के तरक्की के लिए शिक्षा आवश्यक है, सभी मानते है तो लापरवाही क्यों हो रहा है, बहुत ही चिंता का विषय है।

प्रमुख मांगें-सभी स्कूलों, आश्रमों में पर्याप्त शिक्षको की व्यवस्था किया जाये। स्थानीय बेरोजगारों को शिक्षकों के रिक्त पदों में भर्ती किया जाये। जर्जर भवनों का मरम्मत व भवन विहिन शिक्षण संस्थाओं का तत्काल भवन बनाया जाये। सभी आश्रम, छात्रावास, पोटाकेबिनो में स्वास्थ्य कार्यकर्ता की नियुक्ति किया जाये। जिले के सभी शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था किया जाये। सहायक शिक्षक एवं उच्च श्रेणी शिक्षक की नियमित भर्ती में शिक्षक पात्रता परीक्षा एवं डी.एड., बी.एड. की अनिवार्यता को समाप्त किया जाये। चूंकि पांचवी अनुसूची क्षेत्र में यह अनिवार्यता असंगत है, सुकमा जिला अनुसूचित क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। अनिवार्यता शिथिल कर स्थानीय बेरोजगारों को शिक्षक पदों पर भर्ती किया जाये ताकि शिक्षण संस्थाएं सुचारू रूप से संचालित हो सके।

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