बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 15 सितंबर। बालोद शहर की गंजपारा स्थित महादेव भवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 75 वे वर्षगांठ के अवसर पर पूरे प्रदेश स्तरीय छत्तीसगढ़ प्रांत कार्यकारिणी बैठक का आयोजन किया गया है दो दिवसीय इस कार्यकारिणी बैठक में विभिन्न विषयों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत सहित राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी एवं पूरे छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता पहुंचे हुए हैं इस बैठक के माध्यम से कई विषयों पर चर्चा की जा रही है तो वहीं यदि सरकारें छात्र संघ चुनाव कराने का फैसला करती है तो उनमें विद्यार्थी परिषद की रणनीति क्या होनी चाहिए इस पर भी चर्चाएं की जा रही है और 4 महत्वपूर्ण विषयों के प्रस्ताव भी पारित किए गए।
संगठन का सुदृढक़रण
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रदेश मंत्री मनोज वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि संगठन के सुदृढ़ीकरण को लेकर उक्त बैठक में चर्चाएं की जा रही है यहां पर पूरे प्रदेश भर से कार्यकर्ता पहुंचे हुए हैं उन्हें मानसिक रूप से तैयार किया जा रहा है और देश की बदलती परिस्थितियों को लेकर भी चर्चाएं की जा रही है।
अंतिम छोर तक पहुंचे अभाविप
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता हर्ष राज साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दो दिवसीय प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि हम अंतिम व्यक्ति और अंतिम छोर तक कैसे पहुंचे जहां तक हम कभी नहीं पहुंच पा रहे हैं वहां तक हम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की विचारधारा को लेकर जाना है और जमीनी स्तर पर हमें कार्य करना है
रचनात्मक कार्यों में शामिल हो युवा
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बैठक में इस बात को लेकर जोर दिया गया कि छात्र एवं युवा सत्य की शक्ति में विश्वास रखते हुए रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ जहां भी अच्छा कार्य हो रहा है उसमें स्वयं का योगदान देते हुए समस्त युवा शक्ति को उसके साथ खड़े करने के लिए संगठित रहने हेतु प्रेरित करें छात्र युवा अपने जीवन का प्रत्येक व्यापार राष्ट्र प्रथम के भाव से नियोजित एवं संचालित हो ऐसा भी सुनिश्चित किया जाए।
राज्य सरकारों का हस्तक्षेप निंदनीय
बैठक में इस विषय को बड़ी ही गंभीरता से रखा गया कि गुजरात छत्तीसगढ़ तमिलनाडु तथा महाराष्ट्र जैसे राज्यों में महाविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में अनाधिकृत हस्तक्षेप राज्य सरकारों द्वारा बंद किया जाए और राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर कुलपतियों को हटाने संबंधी अध्यादेश लागू करना प्रत्यक्ष रुप से शिक्षाविदों पर दबाव बनाना है कुलपतियों पर राज्य सरकार के आदेश मानने संबंधी बाध्यकारी अध्यादेश तुरंत वापस लिए जाने चाहिए।
इनकी रही सहभागिता
राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल अकांत, क्षेत्रीय संगठन मंत्री चेतस सुकडिय़ा, प्रदेश संगठन मंत्री प्रदीप मेहता, प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल, प्रदेश मंत्री मनोज वैष्णव, हर्षराज साहू, रमन सोनकर, अभिन्न यादव, रजत जैन, सहित पूरे प्रदेश भर के अभाविप के कार्यकर्ता मौजूद रहे।