राजनांदगांव
क्वांर नवरात्रि की तैयारी शुरू, 26 से मां दुर्गा की होगी भक्ति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 सितंबर। शारदीय नवरात्रि के लिए मां दुर्गा की प्रतिमाओं को इस साल महिला मूर्तिकार आकार दे रही है। नारी शक्ति के हाथ मां दुर्गा की प्रतिमाएं सजती देखकर लोगों की आंखे भौचक हो गई है। आदि शक्ति मां दुर्गा की मूर्तियों को विशेष सजावट देने के लिए शहर में कुछ महिला मूर्तिकार जुट गई है।
इस साल 26 सितंबर से क्वांर नवरात्रि पर्व की शुरूआत होगी। 9 दिनों तक मां की आराधना के साथ देवी जसगीतों से गली-मोहल्लों में भक्तिमय माहौल निर्मित होगी। देवी की मूर्ति को अंतिम रूप देने की तैयारी चल रही है। शहर में पुरूषों के साथ महिला मूर्तिकार भी मिट्टी से देवी मूर्ति को खास रूप दे रहे हैं। वैसे भी मां दुर्गा को नारी शक्ति का ही रूप माना जाता है। ऐसे में महिला मूर्तिकारों ने दुर्गा, सरस्वती, काली की प्रतिमाओं का निर्माण किया है।
शहर में इस साल पंडालों में भी व्यापक तैयारी रहेगी। कोरोनाकाल में लोगों को सीमित दायरे में नवरात्र समेत अन्य त्यौहार मनाया था। हाल ही में संपन्न हुए गणेश उत्सव पर्व में कोरोना की लहर गायब रहा। इसके पीछे कोरोना के लगातार गिरते आंकड़े हैं।
इस बीच पंडालों में विशेष मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। अलग-अलग रूपों में मां दुर्गा विराजेगी। यानी अष्टदेवी की भुजाओं समेत कई रूपों में मां दुर्गा पंडालों में नौ दिनों तक विराजमान होगी। शहरभर में मां दुर्गा की समितियां तैयारी करते हुए आयोजनों को अलग रूप देने के लिए जोर लगा रही है। विशालकाय मूर्तियों की भी मूर्तिकारों के सामने मांग हुई है। इस तरह शहर और देहात क्षेत्रों में इस साल नारी शक्ति के हाथों तैयार मूर्तियां पंडालों में स्थापित होगी।
दो साल बाद डोंगरगढ़ में नवरात्र मेला
तकरीबन दो साल बाद आदि शक्ति मां बम्लेश्वरी के दर्शनार्थियों को मेले का आनंद उठाने का मौका मिलेगा। कोरोनाकाल के कारण मेले पर प्रतिबंध लगा हुआ था। मंगलवार को डोंगरगढ़ एसडीएम गिरीश रामटेके और एसडीओपी केके पटेल की मौजूदगी में मेला तैयारी के संबंध में बैठक होगी। कलेक्टर डोमन सिंह ने पूर्व में ही मेला आयोजन की तैयारी को लेकर बैठक पूर्ण कर ली है। इधर मां बम्लेश्वरी के भक्त दर्शन के बाद मेले का लुत्फ उठाकर थकान दूर करते हैं।
इस साल क्वांर नवरात्रि में प्रशासन ने मेले के लिए अनुमति दे दी है। क्वांर और चैत्र नवरात्रि में राज्यभर से लोग मां का दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। आसपास के राज्यों के भी लोगों का मां पर आस्था है। यही कारण है कि दोनों मेले में लाखों श्रद्धालु दर्शनार्थ के लिए पहुंचते हैं। साथ ही पदयात्रियों का भी सडक़ों में रेला रहता है। नौ दिनों तक पदयात्रियों और भक्तों की भारी भरकम भीड़ से डोंगरगढ़ में चहल-पहल रहती है।