बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 17 सितंबर। बालोद जिले के गुरुर नगर पंचायत के सभाकक्ष में आज पार्षदों ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए अपनी व्यथा बताई और कहा कि नगर पंचायत में हम पार्षद केवल नाम मात्र के रह गए हैं यहां के अध्यक्ष द्वारा जबसे पदभार ग्रहण किया गया है तब से पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और अब तो आर्थिक मामलों में भी दुर्व्यवहार करते हुए मनमाने ढंग से 2 करोड 98 लाख रुपए का टेंडर पास किया गया है और अपूर्ण पी आई सी में इस प्रस्ताव को पारित किया गया है साथ ही वार्डों में काम देने के लिए भेदभाव का सहारा लिया गया है पार्षदों ने बताया कि हम विभिन्न जगहों पर पूरे मामले की शिकायत कर चुके हैं और अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बालोद दौरे पर आ रहे हैं यदि हमारे मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं की जाती तो हम मुख्यमंत्री के समक्ष 10 पार्षद इस्तीफा प्रस्तुत करेंगे अब बात ये है की कांग्रेस के पार्षद अपने मुख्यमंत्री के समक्ष ही इस्तीफा देंगे।
अध्यक्ष की मनमानी
नगर पंचायत के उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी ने जानकारी देते हुए बताया कि हम सबने मेहनत कर उन्हें भाजपा के बहुमत होने के बावजूद भी अध्यक्ष बनाया जिसके बाद से वह हमें उसी नजर से देखने लगे और कुछ दिनों बाद यह कहना शुरू कर दिया गया कि मैं अपने किस्मत और अपनी मेहनत से अध्यक्ष पद पर काबिज हुई हूं
2 करोड़ 98 लाख का मामला
मामला दरअसल 2 करोड़ 98 लाख रुपए से शुरू हुआ है जो की अपूर्ण पीआईसी का मामला है और पीआईसी के लिए इस्तीफा प्रस्तुत कर चुके 2 पार्षद उस बैठक में शामिल नहीं थे बावजूद इस प्रस्ताव को पारित किया गया है जो की नियम विरुद्ध है और इसके कारण से हमारे वार्ड वासियों के साथ भी भेदभाव होगा।
मुख्यमंत्री के सामने देंगे इस्तीफा
नगर पंचायत के पार्षद खिल आनंद साहू ने कड़ी शब्दों में कहा कि हम सभी जगहों पर अपने विषय को रख चुके हैं हमने स्थानीय संगठन को भी मामले से अवगत कराया है स्थानीय एसडीएम स्थानीय मुख्य नगरपालिका अधिकारी के साथ-साथ जिला कलेक्टर एवं मंत्री तक भी पहुंच गए हैं लेकिन अब तक अध्यक्ष की मनमानी जारी है और किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिससे क्षुब्ध होकर हम अपने मुख्यमंत्री के समक्ष 10 पार्षद इस्तीफा देंगे।
भाजपा पार्षदों का मिल जाना दुखद
पार्षद मुकेश साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय जनता पार्टी संगठन के साथ मिलकर हम सभी भाजपा पार्षदों ने अध्यक्ष टिकेश्वर साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था जिसको लेकर उन्होंने स्टे ऑर्डर हाई कोर्ट से लाया परंतु उसके बाद हमारे कुछ पार्षद वहां अध्यक्ष के साथ शामिल हो गए जो कि दुखद विषय है।
संगठन से हो चुकी अनुशंसा
नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत कांग्रेस के पार्षदों ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने जब अपने संगठन को पूरे मामले से अवगत कराया तो स्थानीय ब्लॉक अध्यक्ष के माध्यम से पी आई सी से कांग्रेस के पार्षदों को हटाने के बाद अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू को कांग्रेस से निष्कासित करने के लिए अनुशंसा कर दी गई है और मामला अभी विचाराधीन है।
संगठन को खुला चैलेंज
नगर पंचायत के एक पार्षद महिमा रेणु जो की भाजपा ह्य3 जीतकर आए थे और जब अध्यक्ष का निर्वाचन हुआ तो भाजपा ने महिमा पर क्रॉस वोटिंग का आरोप लगाते हुए नोटिस भेज दिया जिसके बाद वो अब निर्दलीय के रूप में अपना कार्यकाल कर रहे हैं उन्होंने आरोप लगाया कि मुझे तो शक के आधार पर नोटिस दिया गया था जिसके बाद अब 4 पार्षद जिसमें चंद्रलता साहू, जीतेश्वरी साहू, अनुसुइया ध्रुव, और चिंता साहू खुलकर समर्थन कर रहे हैं उसपर पार्टी कोई स्टैंड क्यों नहीं ले रही है खुद भाजपा संगठन पार्षदों के बीच मतभेद पैदा कर रही है इसमें से जिम्मेदार गुरुर मंडल में निवासरत पूर्व विधायक, जिला पदाधिकारी सहित मंडल के कोई पदाधिकारी ने मामला संज्ञान में नहीं लिया है और विधानसभा जीतने का सपना देख रहे हैं।
ये पार्षद देंगे इस्तीफा
मुख्यमंत्री के समक्ष इस्तीफा देने वालों में 10 पार्षद शामिल हैं जिसमे कांग्रेस समर्थित पार्षद एवं नगर पंचायत उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी, खिलानन्द साहू, सोनू लोहीले, गजेंद्र मंडावी, ललिता जामदार, जितेंद्र ओझा, भाजपा से मुकेश कुमार साहू, कुंती, शोभित ओझा, श्रीमति कुंती सिन्हा एवं निर्दलीय श्रीमती महिमा साहू शामिल हैं।