सुकमा

एनएच-30 बदहाल, नाराज ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
17-Sep-2022 8:36 PM
एनएच-30 बदहाल, नाराज ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

जल्द निर्माण के लिए सीएम के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 17 सितंबर।
राष्ट्रीय राजमार्ग 30 की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है। जिला मुख्यालय से लेकर केशलूर तक सडक़ में गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं और पाकेला से लेकर झीरमघाटी तक तो सडक़ की बहुत ही ज्यादा दुर्दशा हो गई है।
 सुकमा जिले के ग्राम रोकेल लसकेपारा में आज राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के खस्ताहाल को देखकर उसकी मरम्मत व नव निर्माण को लेकर नाराज ग्रामीणों ने चक्काजाम किया। इस चक्काजाम में आसपास के गाँव के ग्रामीण भी शामिल हुए।

चक्काजाम करने के पश्चात ग्रामीणों के साथ भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने नायब तहसीलदार जेएल देवांगन को मुख्यमंत्री के नाम जल्द सडक़ मरम्मत करने हेतु ज्ञापन दिया, साथ ही जल्द मांग पूर्ण नहीं होने की स्थिति में चरणबद्ध चक्काजाम करने की चेतावनी भी दी।

चक्काजाम में उपस्थित सभी ग्रामीण राष्ट्रीय राजमार्ग की मौजूदा हालत को देखकर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे। ग्रामीणों ने कहा कि आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, परंतु छत्तीसगढ़ के मुखिया व स्थानीय मंत्री को हमारी कोई चिंता नहीं है। खराब सडक़ होने के कारण व दिन भर गाडिय़ों के आवागमन करने के कारण उड़ रही धूल से हमारा स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। सडक़ के किनारे ही पाकेला से लेकर केशलूर तक स्कूल हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है।

एनएच 30 का नाम जानलेवा सडक़ न पड़ जाए
उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि जिस प्रकार सडक़ ही हालत बदतर हो रही है, उससे निश्चित तौर पर दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ेगी, क्या शासन इसी का इंतजार कर रहा है कि जब सडक़ का नाम जानलेवा सडक़ हो जाएगा तब मरम्मत होगी।

आगे ग्रामीणों  ने कहा कि अभी तो हम यह सांकेतिक चक्काजाम किए हैं। यदि जल्द ही मरम्मत या पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं होता है तो वृहद रूप से चरणबद्ध तरीके से जिला मुख्यालय से लेकर केशलूर तक धरना प्रदर्शन व चक्काजाम किया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

ज्ञात हो कि जगदलपुर से सुकमा होते हुए दक्षिण भारत को जोडऩे वाली यही मात्र सडक़ है। सुकमा जिले से आवागमन हेतु न तो रेलमार्ग है और न ही हवाई मार्ग, पूरे जिले के निवासियों को व्यापार, स्वास्थ्य व अन्य प्रायोजन हेतु एकमात्र इसी सडक़ से यात्रा करनी पड़ती है और जो सफर तय करने में चंद घण्टे लगते थे, आज ज्यादा समय लगने के कारण लोगों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

सडक़ की दुर्दशा पर शासन मौन-दीपिका
भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 30 की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है। मौजूदा स्थिति यह है कि जिला मुख्यालय से लेकर केशलूर तक सडक़ में गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं और पाकेला से लेकर झीरमघाटी तक तो सडक़ की बहुत ही ज्यादा दुर्दशा हो गई है और राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी कुम्भकरणी नींद  सो रहे हैं। स्थानीय मंत्री जब विपक्ष में थे, तो सडक़ पर पौधा रोपते नजर आते थे, अब उन्हें जिले के लोगों की कोई चिंता नहीं है।

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